पिछले दिनों गणेशोत्सव ने पुनः हिमाचल के सांस्कृतिक संगम में डुबकी लगाई और इस तरह कोविड काल के घने कोहरे के बीच समाज के सरोकार प्रतिध्वनि पैदा कर गए