बहुत दिन हुए या कि बहुत दिन नहीं हुए। ऐसा लगता है कि समय कहीं ठहरा हुआ है। फिर लगता है ठहरा ही रहता तो भी ठीक होता शायद। कभी-कभी समझ में नहीं आता दुख है या उदासी।