एक और पर्यावरण दिवस बीता। इन प्रतीकात्मक दिवसों पर भारतीयता की मूल प्रकृति को दर्शाने वाली लोकभाषा और संस्कृति से बृहत्तर समाज की दूरी को लेकर मन में कुछ सवाल उभरते हैं।