भारत के सन्दर्भ में मुहम्मद अली जिन्ना की वही हैसियत है जो किसी संभ्रान्त घर में पैदा हुए अपने खानदान को बेआबरू और रुसवा करने वाले किसी ‘नालायक और नामाकूल’ बेटे की होती है।