बदलते हुए पर्यावरणीय परिदृश्य में इन दिनों बारिश के संदर्भ भी बदल गए हैं। सावन के महीने में घनघोर घटाएं कभी अंतर्मन को आनंदित कर नई अंतर्दृष्टि के द्वार खोलती थीं।