क्या कहा जाये राष्ट्रसंघ के उस अध्यक्ष के बारे में जिसे 1972 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए ऐतिहासिक शिमला समझौते असलियत और शर्तों का पता ही न हो !