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उपन्यास: Part 27- बचपन और बुढ़ापा

उपन्यास: Part 27- बचपन और बुढ़ापा

Ambulanceआगे बढ़ रही थी। मिनी के कानो में भैया के बात गूंज रहे थे- "तुम सब मेरे लिए मर चुके हो। 2 दिन की जिंदगी बची है , मत ले जाओ बोला तो क्यों ले कर गए ?" मिनी को ऐसे लगा जैसे कोई कान में पिघला हुआ...

5 Oct 2024 4:44 PM GMT