इसीलिए लाख कोशिश के बावजूद आभासी यानी ‘वर्चुअल’, ‘आनलाइन’ या फिर ‘डिजिटल’ माध्यम से शिक्षण अपना उतना प्रभाव नहीं छोड़ पाए, जितना वास्तविक कक्षा में होने वाला शिक्षण।