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स्वीकार कर लें.... बेटी-बेटा एक समान...

स्वीकार कर लें.... बेटी-बेटा एक समान...

आज समय बदल रहा है। मैं भारतीय परिवारों से जुड़े रिश्तों की बात कर रही हूं। बेटे और बेटियों में आज फर्क खत्म किया जा रहा है। महिला को कल तक अबला समझा जाता था।

23 Jan 2022 3:25 AM GMT