संसार भर के सारे चिकित्सकों, मनोवैज्ञानिकों और दार्शनिकों का यही मानना है कि एक ऐसा वाक्य, जिसमें सच्ची तारीफ हो, वह अवसाद भरे दिल को फिर से उत्साहित और तरंगित बना देता है।