श्मशान वैराग्य शब्द से तो परिचित था, पर पिछले दिनों एक और अद्भुत शब्द से परिचय हुआ- ‘श्मशान-बंधु’। एक मित्र लेखक के निधन पर श्मशान घाट पहुंचा था।