मुझे महाराजा रणजीत सिंह जी के जीवन की एक घटना याद आ रही है। उन जैसा प्रतापी और न्यायप्रिय बादशाह उस काल में दूसरा नहीं हुआ। वह मृत्युशैय्या पर पड़े हुए थे।