कश्मीर में आतंकवादियों ने एक बार फिर राजनीति से जुड़े लोगों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। दस दिन के भीतर दो सरपंचों और एक पंचायत प्रतिनिधि की हत्या चिंता का विषय है।