सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर इस धारणा को दूर किया है कि पटाखों पर उसके द्वारा लगाई गई रोक किसी समुदाय या किसी विशेष के खिलाफ है। शीर्ष अदालत ने यह सख्त टिप्पणी भी की है