भारतीय उपमहाद्वीप के किसी भी हिस्से में भारत की भागीदारी के बिना किसी समस्या का हल संभव नहीं है क्योंकि इस क्षेत्र का हर हिस्सा किसी न किसी समय भारत का ही अंश रहा है।