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बाहर बारिश, भीतर बारिश

बाहर बारिश, भीतर बारिश

सावन भादों बहुत चलत है, माघ पूस में थोरी, अमीर खुसरो यूं कहें तू बूझ पहेली मोरी’ और उत्तर दे देते थे ‘मोरी’ । ‘सावन के अंधे को हर जगह हरा ही हरा दिखता है’

15 Jun 2022 4:41 AM GMT