करीब साल भर पहले जब तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर अपना शासन शुरू किया था, तभी यह आशंका जताई गई थी कि इस देश में आतंक का एक और सिलसिला खड़ा होने वाला है।