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वेंकटेश प्रसाद ने बताया उन्हें क्यों मिलते थे विकेट, इन गेंदबाजों को दी सीख

Apurva Srivastav
4 Jun 2021 6:43 PM GMT
वेंकटेश प्रसाद ने बताया उन्हें क्यों मिलते थे विकेट, इन गेंदबाजों को दी सीख
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प्रसाद ने अपनी बात को साबित करने के लिए अपना और जवागल श्रीनाथ का उदाहरण दिया

भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) ने टेस्ट में जो सफलता हासिल की है उसका एक बड़ा कारण उसका गेंदबाजी आक्रमण है. कई दिग्गजों ने भी माना है कि मौजूदा समय में भारत के तेज गेंदबाज बेहतरीन हैं और वह किसी भी जगह जाकर तूफान ला सकते हैं. ऐसा हुआ भी है. जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah), ईशांत शर्मा (Ishant Sharma) और मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) की तिगड़ी ने जहां कदम रखा है वहां बल्लेबाजों की जीना मुहाल हुआ है. कुछ और नाम भी जिन्होंने अच्छा किया है जिनमें उमेश यादव और भुवनेश्वर कुमार के अलावा युवा मोहम्मद सिराज हैं जिन्होंन ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर शानदार प्रदर्शन किया था.

भारतीय टीम इस समय इंग्लैंड दौरे पर है जहां उसे न्यूजीलैंड के खिलाफ आईसीसी टेस्ट चैम्पियनशिप का फाइनल खेलना है और फिर इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज खेलनी है. इस दौरे पर भी भारतीय तेज गेंदबाजों की भूमिका अहम रहेगी. आंकड़ों को देखा जाए तो बुमराह ने इंग्लैंड में तीन टेस्ट मैचों में 14 विकेट लिए हैं. ईशांत ने इंग्लैंड में 12 टेस्ट मैचों में 43 विकेट लिए हैं. वहीं शमी ने आठ टेस्ट मैचों में 21 विकेट लिए हैं. भारत के पूर्व तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद ने कहा है कि क्रिकेट में निजी रिकॉर्ड्स मायने नहीं रखते और तेज गेंदबाजों को मिलकर साझेदारों की तरह काम करना होता है.
अपना उदाहरण दिया
प्रसाद ने अपनी बात को साबित करने के लिए अपना और जवागल श्रीनाथ का उदाहरण दिया. प्रसाद ने क्रिकेट. कॉम से कहा, "मैं आपको जवागल श्रीनाथ का उदाहरण देता हूं. उनको मारना काफी मुश्किल था इसलिए बल्लेबाज मुझे भी मारने की कोशिश नहीं करते थे और इससे मुझे विकेट लेने में सफलता मिलती थी. ऐसा नहीं था कि मैं विकेट टेकिंग गेंदबाज था. वह दबाव बनाते थे. आपको साझेदार के तौर पर इसी तरह काम करना होता है. आपको एक दूसरे को समझना होता है. बुमराह जब गेंदबाजी करते हैं तब कोई भी उन पर अटैक करने के बारे में नहीं सोचता और दबाव बनता है."
इस बात को लेकर हैं चिंतित
प्रसाद हालांकि पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हैं. उन्हें भारतीय गेंदबाजी में एक कमी दिखती है. वह ऑफ स्पिन विभाग में विकल्पों को लेकर चिंतित हैं. उनकी चिंता है कि भविष्य में रविचंद्रन अश्विन का स्थान कौन लेगा. उन्होंने कहा, "हम इस समय काफी कलाई के स्पिनर देख रहे हैं जो आगे आ रहे हैं लेकिन ऑफ स्पिनर ज्यादा नहीं आ रहे हैं. हमें ऑफ स्पिनर बनाने होंगे क्योंकि मैं सोच रहा था कि अश्विन के बाद भारत का सबसे बड़ा ऑफ स्पिनर कौन होगा. एक ऐसा गेंदबाज जो स्वाभाविक ऑफ स्पिनर हो. अगला सर्वश्रेष्ठ हमारे पास जो है वो वॉशिंगटन सुंदर. वह हवा में तेज डालते हैं लेकिन वह पारंपरिक ऑफ स्पिनर नहीं हैं जो गेंद को फ्लाइट कराता हो. इसलिए मेरे लिए बड़ा सवाल है कि अश्विन के बाद कौन. एनसीए को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए


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