दुनिया की सबसे मजबूत टीमों में से एक टीम इंडिया की साख दांव पर
विराट एंड कंपनी का विश्व कप का अभियान एक हफ्ते में ही दो मैचों में हार के साथ खतरे में नजर आ रहा है। कागजों में मजबूत मानी जाने वाली टीमों में से एक टीम इंडिया ने 40 ओवर के अपने खेल में कुल 261 रन बनाए। इस दौरान सिर्फ छह छक्के और 19 चौके जड़े। 14 विकेट गंवाए और सिर्फ दो विकेट लिए।
टीम सुपर12 के ग्रुप दो में छह टीमों में अंकतालिका में निचले से दूसरे पायदान पर है। यहां तक कि पहली बार विश्व कप में खेल रहा 25 लाख की आबादी वाला देश नामीबिया (2 मैच, 1 जीत, 1 हार) भी तालिका में उससे ऊपर है।
भारतीय टीम को अभी अफगानिस्तान (3 नवंबर), स्कॉटलैंड (5 नवंबर) और नामीबिया (8 नवंबर) से खेलना है। यह जरूरी नहीं की इन तीन मैचों में जीत उसे सेमीफाइनल का टिकट दिला देगी। इसके लिए उसे नेट रनरेट व अन्य टीमों के नतीजों पर निर्भर रहना होगा।
अफगनिस्तान और न्यूजीलैंड एक-एक मैच जीत चुके हैं। न्यूजीलैंड को भी उन्हीं तीन टीमों से खेलना है जिनसे भारत खेलेगा। वहीं पाकिस्तान अंतिम चार में पहुंचने के करीब है।
लगा सिर्फ एक अर्द्धशतक
टीम इंडिया की ओर से दो मैचों एक अर्द्धशतक लगा जो कोहली के बल्ले से निकला। आईपीएल में दे दनादन रन बरसाने वाले भारतीय बैटर यूएई की धीमी पिचों पर जूझते नजर आए। तो गेंदबाज ओस पड़ने के बाद विकेटों के लिए तरस रहे हैं। न्यूजीलैंड के खिलाफ टीम ने पावरप्ले (पहले छह ओवर) में दो विकेट खोकर 35 तो पाकिस्तान के खिलाफ तीन विकेट खोकर सिर्फ 36 रन बनाए।
32 में से जीते 23 मैच
टीम इंडिया का लक्ष्य का पीछा करते हुए जीत दर्ज करने का रिकॉर्ड अच्छा रहा है। उसने पिछले साढ़े पांच साल में लक्ष्य का पीछा करते हुए जो 32 मैच खेले उसमें से 23 जीते हैं। लक्ष्य का बचाव करने में टीम को मशक्कत करनी पड़ती है। पहले खेलते हुए उसने 41 में से 22 मैच जीते 17 हारे और दो ट्राई रहे हैं जो उसने सुपर ओवर में जीते।