विज्ञान

देश के इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

Khushboo Dhruw
24 Sep 2023 1:39 PM GMT
देश के इन शहरों की हवा रही सबसे साफ
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केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण : केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 23 सितम्बर 2023 को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के 201 में से 80 शहरों में हवा 'बेहतर' रही, जबकि 92 शहरों की श्रेणी 'संतोषजनक' रही, 27 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' रही। वहीं सोनीपत (221) और श्रीगंगानगर (211) में प्रदूषण का स्तर दमघोंटू रहा।
यदि दिल्ली की बात करें तो यहां की वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है। दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स 110 दर्ज किया गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 117, गाजियाबाद में 92, गुरुग्राम में 193, नोएडा में 84, ग्रेटर नोएडा में 124 पर पहुंच गया है।
देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 58 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 47, चेन्नई में 56, चंडीगढ़ में 64, हैदराबाद में 65, जयपुर में 110 और पटना में 38 दर्ज किया गया।
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देश के जिन 80 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अरियालूर 28, आरा 28, आसनसोल 28, बदलापुर 48, बागलकोट 42, बारीपदा 47, बेलापुर 27, भिलाई 18, भिवंडी 39, भोपाल 39, बीदर 42, बिहारशरीफ 28, बिलासपुर 28, चामराजनगर 41, चिक्कामगलुरु 35, चित्तूर 44, चित्तौड़गढ़ 44, कुड्डालोर 29, दमोह 44, दावनगेरे 35, धारवाड़ 50, गडग 46, गया 47, गोरखपुर 40, हाजीपुर 36, हल्दिया 38, हावेरी 45, होसुर 39, हावड़ा 41, जलना 38, झांसी 33, कडपा 46, कानपुर 48, करौली 42, क्योंझर 47, कोल्हापुर 30, कोलकाता 34, कोरबा 22, कुंजेमुरा 33, लातूर 25, लखनऊ 47, महाड 34, मैहर 35, मांडीखेड़ा 40, मंगलौर 49, मिलुपारा 18, मुंगेर 22, मैसूर 48, नांदेड़ 35, नासिक 34, नवी मुंबई 47, पालकालाइपेरुर 25, पंचकुला 47, परभनी 37, पटियाला 48, पटना 38, पिंपरी चिंचवाड़ 33, पुदुचेरी 44, रायपुर 36, राजमहेंद्रवरम 30, ऋषिकेश 37, सहरसा 41, सलेम 31, सांगली 29, सवाई माधोपुर 47, शिलांग 19, सिलचर 23, सिरोही 46, शिवसागर 20, सोलापुर 43, श्रीनगर 33, सुआकाती 44, तालचेर 46, टेंसा 29, तिरुवनंतपुरम 33, तिरुपति 50, उल्हासनगर 37, वाराणसी 26, विजयपुरा 45, वृंदावन 33, आदि शामिल रहे।
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वहीं अगरतला, आगरा, अहमदाबाद, अकोला, अलवर, अंबाला, अमरावती, अमृतसर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भिवानी, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बुलन्दशहर, बूंदी, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छपरा, चुरू, दौसा, धौलपुर, धुले, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गंगटोक, गाजियाबाद, गुवाहाटी, हनुमानगढ़, हापुड़, हैदराबाद, जबलपुर, जैसलमेर, जलगांव, झालावाड़, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, कलबुर्गी, कन्नूर, करनाल, काशीपुर, किशनगंज, कोहिमा, कोप्पल, कोटा, कुरूक्षेत्र, मानेसर, मेरठ, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नोएडा, पलवल, पानीपत, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, रायरंगपुर, राजसमंद, रतलाम, राउरकेला, सागर, शिवमोगा, सीकर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिरसा, ठाणे, त्रिशूर, टोंक, तुमकुरु, उदयपुर, वापी, वातवा, विजयवाड़ा, यमुनानगर आदि 92 शहरों में हवा की गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, इसे कैसे जा सकता है समझा?
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।
वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।
इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।
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