विज्ञान

वैज्ञानिकों ने किया नया अविष्कार, कीड़े के शरीर का हिस्सा हुआ इस्तेमाल, जो पहचान सकता है गंध

Gulabi
9 Dec 2020 10:27 AM GMT
वैज्ञानिकों ने किया नया अविष्कार, कीड़े के शरीर का हिस्सा हुआ इस्तेमाल, जो पहचान सकता है गंध
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कीट पतंगों (Insects) के संसार का अध्ययन करना बहुत ही मुश्किल होता है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कीट पतंगों (Insects) के संसार का अध्ययन करना बहुत ही मुश्किल होता है. इसमें सबसे चुनौतीपूर्ण काम इन छोटे प्राणियों तक पहुंचना है. इस चुनौती को ही कम करने के लिए वैज्ञानिकों ने तकनीकी दुनिया और इस संसार के बीच की दूरी को कम करने का एक काम किया है. कीट पतंगों को रहने वाली मुश्किल जगहों तक पहुंचने और वहां की ज्यादा जानकारी हासिल करने के लिहाज से शोधकर्ताओं ने उड़ने वाले पतंगों की एंटीना को एक खास ड्रोन में लगाया है जिसे 'स्मेलीकॉप्टर' नाम दिया गया है.


गंध की पहचान
यह ऑटोनोमस ड्रोन एक एंटीना का उपयोग करता है जो सीधे एक इलेक्ट्रिकल सर्किट से जुड़ा होता है जो गंध को पहचानकर उसकी ओर चला जाता है. यह छोटा स्मेलीकॉप्टर उड़ने के दौरान आने वाली बाधाओं को भी पहचान लेता है और उनसे बचते हुए भी उड़ता रहता है. इस काम केलिए एक कीड़े की मदद ली गई है जिसका नाम मांडुका सेक्सटा हॉमोथ है. इस उपकरण में शोधकर्ताओं ने इसके शरीर के हिस्से का उपयोग किया.

कहां तक पहुंच
इस शोध का उद्देश्य यह दर्शाना था कि कैसे एक उपकरण उन क्षेत्रों में भी जा सकता है जहां तेज और संवेदनशील गंध आती है या जहां जाना इंसान के लिए बहुत ही खतरनाक है. इसमें वे स्थितियां भी शामिल हैं जब किसी संरचना के ढहने के कारण गैस लीक हो गई हो या जहां कोई विस्फोटक रखा होगा.
इंसान के बनाए सेंसर्स रहे हैं फेल
वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी में मेकेनिकल इंजनियरिंग की डॉक्टोरल छात्रा और इस अध्ययन की प्रमुख लेखिका मेलिनी एंडरसन का यह शोध एक अक्टूबर को आईओपी बायोइंस्पिरेशन एंड बायोमेट्रिक्स जर्नल में प्रकाशित हुआ है. उन्होंने बताया, "प्रकृति हम इंसानों के बताए गए गंध सेंसर को हमेशा ही गलत साबित करती रही है. स्मेलीकॉप्टर में एक पतंगे की ही वास्तविक एंटीना का उपोयग कर हमें दोनों ही संसारों में से सर्वश्रेष्ठ निकाल सके. इसमें एक रोबोटिक मंच पर एक जैविक प्राणी की संवेदनशीलता लाई जा सकी जिसकी गतिविधि को हम नियंत्रित कर सकते हैं.



इस प्रयोग में उन पतंगों के एंटीना को निकाला गया जिन्हें रिफ्रीजरेटर में एनेस्थीसिया दिया गया था. एक बार हटने के बाद एंटीना जैविक और रासायनिक रूप से करीब चार घंटे तक सक्रिया रहता है. एंटीना में कोशिकाएं रासायनिक संकेतों को विस्तार देती हैं और पतंगों में काशिका प्रतिक्रियाओं की शुरुआत करती हैं. ड्रोन में महीन तारे एंटीना से जुड़ते हैं जो एक इलेक्ट्रिकल सर्किट से जुड़ जाते हैं.अब छोटे क्रिस्टल बता सकते हैं कि कब होगा ज्वालामुखी में विस्फोटजरूरत के हिसाब से हो सकता है बदलावस्मेलीकॉप्टर एंटीना का उपोयग करता है जो एक व्यवसायिक तौर पर उपलब्ध ओपन सोर्स के क्वाडकॉप्टर से जुड़ा होता है, जिसमें यूजर्स स्पेशल फीचर्स का उपयोग कर सकते हैं. ड्रोन के पीछे दो प्लास्टिक के पंखों को जोड़ा गया जिससे ऊपर बहनी वाली हवा से वह ऊपर उठ सके.

यह प्रोटोकॉल पता लगाता है गंध का
शोधकर्ताओं ने ड्रोन के लिए 'कास्ट एंड सर्ज' प्रोटोकॉल भी बनाया है जो पतगों की तरह ही सूंघने काम करता है जिससे स्मेलीकॉप्टर बिना शोधकर्ताओं के निर्देश के गंधों की पहचान कर सके. वह पहले अपनी बाईं ओर कुछ दूर पर जाकर अपनी खोज शुरू करता है. उसके बाद वह दाईं ओर उतनी ही दूरी पर जाता है. एक बार वह गंध की पहचान कर लेता है तब वह वह अपनी उड़ान के तरीके में बदलाव करता है और उसकी ओर चला जाता है.

लैब में स्मेलीकॉप्टर गंध की ओर अपने आप उड़ता है जो पतंगों को दिसचस्प लगती है जिसमें फूलों की गंध शामिल है. शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि इस एंटीना का उपयोग भविष्य में दूसरी तरह की गंधों को पहचानने के लिए हो सकता है.


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