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ज्यादातर पेरेंट्स मानते हैं, बच्चों को एक्सरसाइज कराकर उनका बढ़ता वजन कंट्रोल किया जा सकता है। लेकिन
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ज्यादातर पेरेंट्स मानते हैं, बच्चों को एक्सरसाइज कराकर उनका बढ़ता वजन कंट्रोल किया जा सकता है। लेकिन नई रिसर्च कहती है, बच्चे में मोटापे के लिए खानपान में बदलाव की सबसे ज्यादा जरूरत है। यह दावा अमेरिका की बेलर यूनिवर्सिटी ने अपनी रिसर्च में किया है।
रिसर्च कहती है, मोटापे की सबसे बड़ी वजह खानपान है। घर के खाने के अलावा बाजार के फूड से मिलने वाली कैलोरी को बच्चे बर्न नहीं कर पाते है। नतीजा, बच्चे का वजन बढ़ता है।
देश के बच्चों में मोटापे के मामले बढ़ रहे हैं। भारत में करीब 1.4 करोड़ बच्चे बढ़ते मोटापे से परेशान हैं।
77 बच्चों पर हुई रिसर्च
न्यूट्रीशन जर्नल में पब्लिश रिसर्च के मुताबिक, मोटापे को समझने के लिए 43 शहरी और 34 शहर के बाहर के स्कूली बच्चों को रिसर्च में शामिल किया गया। बच्चे किस तरह की डाइट ले रहे हैं और किन-किन चीजों में वो अपनी एनर्जी लगा रहे हैं। इसे समझने की कोशिश की गई।
ग्रामीण के मुकाबले शहरी बच्चे अधिक खाना खा रहे
रिसर्च कहती है, ग्रामीण बच्चों के मुकाबले शहर के पास रहने वाले बच्चों में औसतन 65 फीसदी अधिक फैट पाया गया। ऐसे एक तिहाई बच्चे ओवरवेट घोषित किए गए। ये ग्रामीण बच्चों के मुकाबले अधिक खाते हैं लेकिन फिजिकल एक्टिविटी एक ही जैसी है।
4 पॉइंट : बच्चों में मोटापा कब बढ़ता है और कैसे कंट्रोल करें
1. मोटापे की दो वजह, फैमिली हिस्ट्री और खानपान
मुम्बई के बेरियाट्रिक सर्जन डॉ. संजय बोरूडे कहते हैं, बच्चों में मोटापा दो वजहों से बढ़ता है। पहला आनुवांशिक यानी फैमिली हिस्ट्री से मिलने वाला मोटापा। दूसरा, बाहरी कारणों से बढ़ने वाला मोटापा। जैसे ऐसी चीजें ज्यादा खाना जो तला हुआ या अधिक कैलोरी वाला है। जैसे फास्ट और जंक फूड। सिटिंग जॉब वालों में मोटापे का कारण कैलोरी का बर्न न होना है। दिनभर बैठे रहने के कारण वह जितना खाते हैं उससे मिलने वाली एनर्जी का इस्तेमाल नहीं कर पाते, इस कारण चर्बी बढ़ती जाती है।
2. मोटापा कितना है, तीन तरह से पहचानते हैंं
मोटापा यानी शरीर का वजन जरूरत से अधिक होना। यह शरीर की बनावट को देखकर नहीं जांचा जाता। मोटापा कितना है यह तीन तरह से जांचा जाता है। पहले तरीके में शरीर का फैट, मसल्स, हड्डी और बॉडी में मौजूद पानी का वजन जांचा जाता है। दूसरा है बॉडी मास इंडेक्स। तीसरी जांच में कूल्हे और कमर का अनुपात देखा जाता है। ये जांच बताती हैं आप वाकई में मोटे है या नहीं।
3. इसे कंट्रोल करने के लिए क्या करें?
सबसे अहम है डाइट, क्योंकि आप कितनी कैलोरी का सेवन करते हैं और एक्सरसाइज से इसे कितना बर्न करते हैं। इसे समझना जरूरी है। जैसे एक बर्गर खाते हैं तो 450-500 कैलोरी मिलती है वहीं एक घंटे के वर्कआउट से 50 कैलोरी बर्न होती है, इससे समझें कि कितना खाना लेना चाहिए और कितनी एक्सरसाइज करनी चाहिए।
4. ऐसा होना चाहिए बच्चे का खानपान
बच्चों को नाश्ते नाश्ते में अंकुरित अनाज यानी मूंग, चना या फल दे सकते हैं। ऐसा करने से उनमें मौजूद पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ती है। मौसमी हरी सब्जियों को इनकी डाइट में शामिल करें। अधिक फैट वाला दूध, बटर तथा पनीर से दूर रखें। फास्ट फूड, जंक फूड, कचौरी, समोसे, पिज्जा और बर्गर से जितना बचाएंगे उतना ही बेहतर है।
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