विज्ञान

मंगल: लाल ग्रह पर आया भूकंप, वैज्ञानिकों के लिए रहस्यमयी

Gulabi Jagat
17 July 2022 5:45 AM GMT
मंगल: लाल ग्रह पर आया भूकंप, वैज्ञानिकों के लिए रहस्यमयी
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वैज्ञानिकों के लिए रहस्यमयी
मंगल ग्रह (Mars) पर रहस्यमयी भूकंप आ रहे हैं. जिसके बारे में वैज्ञानिकों को काफी ज्यादा हैरानी हो रही है, क्योंकि इससे पहले कभी इस तरह की गतिविधियां इतनी ज्यादा मात्रा में नहीं देखी गईं. पहले भी मंगल ग्रह पर भूकंप आते रहे हैं. उन्हें दर्ज भी किया गया है. इस बार जो भूकंप आ रहे हैं, उनकी तीव्रता और आने की दर ज्यादा है.
इन गतिविधियों से यह पता चलता है कि मंगल ग्रह फिलहाल मरने वाला तो नहीं है. लेकिन उसके अंदर बहुत ज्यादा खलबली मची हैं. मंगल ग्रह के अंदर लगातार घरघराहट हो रही है. भूकंपीय गतिवधियां बढ़ी हुई हैं. ऑस्ट्रेलिया में स्थित ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी के जियोफिजिसिस्ट हरवोए कालसिक ने कहा कि हमारे लिए यह जरूरी है कि हम मंगल ग्रह के मैंटल (Mantle) को समझे.
हरवोए कालसिक ने कहा कि मैंटल को समझने से हम यह जान पाएंगे कि यहां इतने भूकंप क्यों आ रहे हैं. दूसरा यह ग्रह कैसे विकसित हुआ. सौर मंडल में कैसे ग्रहों का निर्माण हुआ. बहुत समय से वैज्ञानिक यह मानकर चल रहे थे कि मंगल ग्रह शांत है. किसी तरह की गतिविधियां नहीं हो रही हैं, हो सकता है कि वह मरने की कगार पर जा रहा हो. लेकिन इन गतिविधियों ने बता दिया कि मंगल जीवित है और पूरी तरह से दमदार है. यह स्टडी हाल ही में Nature जर्नल में प्रकाशित हुई है.
मंगल ग्रह (Mars) के पास चुंबकीय शक्ति बहुत कम है. किसी भी ग्रह की चुंबकीय शक्ति उसके अंदर से पैदा होती है. जिसे आमतौर पर डायनमो (Dynamo) कहते हैं. यानी एक गर्म तरल पदार्थ का घूमता हुआ इलेक्ट्रकिली चार्ज्ड गोला. इसकी वजह से काइनेटिक एनर्जी चुंबकीय शक्ति में बदल जाती है. इसकी वजह से ग्रह के चारों तरफ मैग्नेटिक फील्ड का निर्माण होता है.
मंगल ग्रह के चारों तरफ चुंबकीय शक्तियां कम हैं. चुंबकीय शक्ति की वजह से किसी भी ग्रह के लिए जीवन और मौत के बीच की प्रमुख डोर होती है. जैसे धरती पर मौजूद चुंबकीय शक्ति कि वजह से ग्रह और इस पर रहने वाले जीव-जंतु अंतरिक्ष के रेडिएशन से बच जाते हैं. मंगल ग्रह पर रेडिएशन का स्तर बहुत ज्यादा है. जबकि, धरती की तुलना में वह सूरज से काफी ज्यादा दूर है.
हरवोए कालसिक ने कहा कि बिना चुंबकीय शक्ति के किसी भी ग्रह पर जीवन संभव नहीं है. लेकिन जब साल 2018 में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) के इनसाइट लैंडर (InSight Lander) ने मंगल ग्रह की धड़कनों को सुनना शुरु किया तो वैज्ञानिकों को पहली बार इस बात के पुख्ता सबूत मिले कि वहां पर भूकंप आते हैं. इनसाइट ने सैकड़ों भूकंपों को दर्ज किया है.
हरवोए कालसिक और चाइनीज एकेडमी साइंसेज के जियोफिजिसिस्ट वीजिया सुन ने मंगल ग्रह से संबंधित इनसाइट और उससे अलग डेटा की स्टडी की. दोनों ने गैर-पारंपरिक तरीके से इनकी गणना की. मंगल ग्रह पर आने वाले भूकंपों को मार्सक्वेक (Marsquakes) कहते हैं. इन दोनों ने 47 जोड़े भूकंपीय गतिविधियों का अध्ययन किया. जोड़े से मतलब ये है कि भूकंप की लहर एक तरफ से जाकर वापस लौटे तो उसे जोड़ा कहा जाता है.
दोनों वैज्ञानिकों ने देखा कि यह भूकंप मंगल ग्रह के सेरबेरस फॉसे (Cerberus Fossae) नाम की जगह से पैदा हो रहे हैं. यह ऐसा स्थान है जहां पर कई फॉल्ट्स बने हैं. साल 2019 में मई से जुलाई महीने के बीच इस जगह से दो बड़े भूकंप पैदा हुए. जिनके आसपास कई छोटे भूकंपों की सीरीज चलती रही. हर सीरीज हर एक बड़े भूकंप से संबंधित थी. लेकिन इन भूकंपों के पैदा होने की सही वजह नहीं पता चल रही थी.
हरवोए कालसिक ने कहा कि नासा के डेटा के अनुसार पहले आए भूकंप रात में रिकॉर्ड किए गए. लेकिन जिन 47 भूकंपों की बात हम कर रहे हैं, वो मंगल ग्रह के मैंटल की वजह से पैदा हुए हैं. इनकी शुरुआत सेरबेरस फॉसे से हुई. यह इलाका एक करोड़ से साल से काफी ज्यादा सक्रिय है. यहां पर काफी ज्यादा भूकंप आ रहे हैं. क्योंकि मंगल ग्रह के अंदर मैग्मा का बहाव काफी ज्यादा हो रहा है.
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