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कोरोना काल में भी अंतरिक्ष मिशन दस्तूर जारी है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना काल में भी अंतरिक्ष मिशन दस्तूर जारी है। इसी कड़ी में चीन के चांग ई- 4 अभियान के लैंडर और रोवर ने चंद्रमा पर 26वें चंद्र दिवस पर काम फिर शुरू कर दिया है। चीन की अंतरिक्ष एजेंसी ने यह जानकारी दी है। चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव- एटकेन बेसिन स्थित वॉन करमान क्रेटर पर पिछले साल तीन जनवरी को पहली बार चंद्रमा पर सॉफ्ट-लैंडिंग करने वाले चांग ई-4 अभियान ने चंद्रमा की सतह पर पृथ्वी के 736 दिन के बराबर अवधि पूरी कर ली है। एक चंद्र दिवस पृथ्वी के करीब 14 दिन के बराबर होता है और चंद्र रात्रि भी इतनी ही अवधि की होती है।
चंद्रमा की यह सुदूर सतह वह गोलार्द्ध है जो चंद्रमा के परिभ्रमण के कारण कभी पृथ्वी के सामने नहीं आती। इसे कई बार लोग जानकारी के अभाव में 'चंद्रमा का अंधेरा भाग' भी कह देते हैं, जबकि यहां अंधेरा कभी नहीं रहता। चंद्रमा के इस हिस्से पर सूर्य का प्रकाश उतना ही पहुंचता है जितना पृथ्वी के सामने आने वाले हिस्से पर पहुंचता है।
चाइना नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन के लूनर एक्सप्लोरेशन एंड स्पेस प्रोग्राम सेंटर' के अनुसार, सौर ऊर्जा से संचालित चंद्रयान चंद्र रात्रि के दौरान निष्क्रिय अवस्था में रहता है।
पैनारोमा तस्वीरें लेगा युतू-2
सरकारी शिन्हुआ समाचार एजेंसी ने कहा कि 26वें चंद्र दिवस के दौरान युतू-2 नामक रोवर उत्तर पश्चिम दिशा में बसॉल्ट क्षेत्र की तरफ बढ़ेगा। यह रोवर पैनारोमा तस्वीरें लेगा और इसके इन्फ्रारेड इमेजिंग स्पेक्टोमीटर, न्यूट्रॉन एटम डिटेक्टर और लूनर रडार चंद्रमा पर विज्ञानी अन्वेषण जारी रखेंगे। बाद में अनुसंधान दल आंकड़ों का विश्लेषण करेंगे और परिणाम जारी करेंगे।
2018 में लांच हुआ था चांग ई- 4
चांग ई-4, चीन का का चौथा चंद्र मिशन है। यह सात दिसंबर 2018 को लांच किया गया था। इसमें दो मुख्य भाग शामिल हैं- लैंडर और रोवर। इनका वजन क्रमश: 2,400 पाउंड (लगभग 1088.62 किलो) और 300 पाउंड (लगभग 136.07 किलो) है। तुलनात्मक रूप से देखा जाए तो नासा के मंगल मिशन के लिए बनाए गए अपॉच्युनिटी और क्यूरियोसिटी रोवर का वजन इससे कहीं ज्यादा है। इनका वजन क्रमश: 400 और 2000 पाउंड है।
अब तक जारी हो चुके हैं चार मिशन
चांग ई-4 का अंतरिक्ष यान मोटे तौर पर चांग ई-3 का ही एक क्लोन है, जो 2013 में चंद्रमा पर उतरा था। पहली बार चीन ने वर्ष 2007 में चांग ई-1 अंतरिक्ष यान लांच किया था। इसके जरिये चंद्रमा की तस्वीरें खींचने और वैज्ञानिक सर्वेक्षण किया जाता था। उसके बाद चीनी विज्ञानियों ने वर्ष 2010 में चांग ई-2 को लांच किया जिसने चंद्रमा की एच-डी (हाई-डेफिनेशन) इमेजिंग की और अगले मिशन चांग ई- 3 के लिए लैंडिंग की स्थिति का जायजा लिया। वर्ष 2013 में चांग ई-3 चंद्रमा पर लैंड हुआ। इसने चंद्रमा पर पहला चीनी चंद्र रोवर युतू उतारा। इसने लगभग 1,000 दिनों तक वहां काम किया। उनके बाद चांग ई-4 लांच किया गया।
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