विश्व
यूरोप में बड़े साइबर अटैक की आशंका, कई देशों के हजारों यूजर्स प्रभावित
Renuka Sahu
6 March 2022 1:09 AM GMT
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फाइल फोटो
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध में इंटरनेट वार ने भी प्रवेश कर लिया है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध में इंटरनेट वार ने भी प्रवेश कर लिया है। गोलाबारी और बढ़ती सैन्य गतिविधियों के बीच यूरोप में एक बड़े साइबर हमले की खबर सामने आई है। एक रिपोर्ट के अनुसार, यूरोप में कई देशों के हजारों उपभोक्ता इंटरनेट सेवा का उपयोग करने से वंचित रहे। अब विशेषज्ञ आशंका जता रहे हैं कि रूस- यूक्रेन युद्ध के चलते साइबर हमले भी तेज हो सकते हैं जिससे विश्व के कई देश प्रभावित होंगे। खबर यह भी है कि सेवा में बाधा के कारण जर्मनी और मध्य यूरोप में स्थित देशों में बड़ी संख्या में पवनचक्की (विंड टरबाइन) पर भी प्रभाव हुआ है।
24 फरवरी से दिक्कत
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यूरोप में इंटरनेट सेवा का प्रभावित होना साइबर हमला हो सकता है। इंटरनेट क्षेत्र की कंपनी आरेंज के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि उसकी सहायक कंपनी नार्डनेट की सेटेलाइट इंटरनेट सेवा के नौ हजार से अधिक उपभोक्ता प्रभावित हुए और सेवा का प्रयोग नहीं कर सके। यह उपभोक्ता 24 फरवरी को हुई एक घटना के बाद से सेवा का प्रयोग नहीं कर पा रहे थे। यह परेशानी वायासेट में हुई दिक्कत के कारण रही जो एक अमेरिकी सेटेलाइट आपरेटर है।
यूरोप में इंटरनेट सेवा प्रदान करने वाली एक अन्य कंपनी बिगब्लू का भी इस रिपोर्ट में हवाला दिया गया है। कंपनी ने कहा है कि शुक्रवार को बिगब्लू के जर्मनी, फ्रांस, हंगरी, यूनान, इटली और पोलैंड के हजारों उपभोक्ता वायासेट में दिक्कत के बाद प्रभावित हुए। कंपनी के यूरोप में करीब 40,000 उपभोक्ता है जिसमें से एक तिहाई को इंटरनेट सेवा प्रयोग करने में दिक्कत हुई। वहीं, अमेरिका में वायासेट ने दो दिन पहले कहा था कि एक साइबर घटना के कारण यूक्रेन और कुछ जगहों पर आंशिक रूप से नेटवर्क प्रभावित हुआ।
फ्रांसीसी नेटवर्क पर भी असर
फ्रांस के स्पेस कमांड प्रमुख जनरल मिशेल फ्रीडलिंग ने भी साइबर हमले की पुष्टि करते हुए कहा कि यूरोप और यूक्रेन को कवर करने वाला हमारा नेटवर्क कई दिन तक प्रभावित रहा। लाखों टर्मिनल साइबर हमले के कुछ समय बाद निष्कि्रय हो गए। दूसरी तरफ, जर्मनी और मध्य यूरोप में इस इंटरनेट दिक्कत के कारण करीब 5,800 पवनचक्की प्रभावित हुईं। एनरकान के हवाले से एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि परेशानी 24 फरवरी को शुरू हुई थी। इन्हें नियंत्रित करना मुश्किल हो रहा है।
यूक्रेन में बनी 'साइबर आर्मी'
रूस के हमले के बाद यूक्रेन ने साइबर हमले के लिए हैकरों की एक इकाई बनाई है। इंटरनेट वार के इस युग में यूरोप में पहले बड़े युद्ध में यूक्रेन के युवा आइटी पेशेवर आगे आए हैं। ऐसे ही एक आइटी पेशेवर रोमन जखारोव ने कहा कि हम एक टीम हैं। यूक्रेन के इस डिजिटल सेल्फ डिफेंस कार्प्स में काम करने से पहले जखारोव एक स्टार्टअप से जुड़े थे। इस ग्रुप से जुड़े सदस्य एक साफ्टवेयर के जरिये संपर्क में रहकर रूस की आधिकारिक वेबसाइट पर हमला कर सकते हैं। यह सदस्य स्मार्टफोन या कंप्यूटर की मदद से रूसी वेबसाइट पर असर डालने के साथ लोगों को रूसी सेना के मूवमेंट और लोकेशन की जानकारी देने की सुविधा भी दे सकते हैं।
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