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कुत्तों (Dogs) में सूंघने की बहुत ही ज्यादा और संवेदनशील क्षमता (Sniffing Skill) होती है. इसके लिए उन्हें प्रशिक्षण देकर विस्फोटक सामग्री, नशीले पदार्थ जैसी कई चीजों को सूंघ कर पहचाना सिखाया जाता है. बेलफास्ट के क्वीन्स यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन में पाया है कि कुत्ते इंसानों के पसीने और सांसों के जरिए उनकी अंतर की बेचैनी (Stress and Anxiety) को सूंघ कर पहचान सकते हैं. इस अध्ययन में किए गए प्रयोग में चार कुत्तों और 36 इंसानों को शामिल किया गया था जिसमें प्रतिभागियों के पसीने और सांस के नमूने जमा किए गए थे.
शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों को नमूने हासिल करने से पहले उन्हें कठिन गणितीय समस्या सुलझाने को कहा था. प्रतिभागयों ने काम करने से पहले और उसके बाद के तनाव (Stress) का स्तर शोधकर्ताओं को बताया था और शोधकर्ताओं ने भी केवल उन्हीं प्रतिभागियों के नमूनों का उपयोग किया जिनका बल्ड प्रैशर (Blood Group) और दिल की धड़कन बढ़ गई थी. इस अध्ययन के नतीजे PLOS One में प्रकाशित हुए हैं. यह अध्ययन स्कूल ऑफ साइकोलॉजी के क्लारा विल्सन और कैरी कैम्पबेल ने किया था जिसमें उनका मार्गदर्शन कैथरीन रीव ने किया था.
कुत्तों (Dogs) को सिखाया गया कि कैसे उन्हें सही नमूने की गंध (Smell) पहचाननी है और शोधकर्ताओं को सही नमूने का संकेत कैसे देना है. इसके बाद कुत्तों का प्रतिभागी के तनावग्रस्त (Stress) और तनावरहित नमूनों से सामना कराया गया. लेकिन उस समय शोधकर्ता खुद यह जानने की स्थिति में नहीं थे कि दोनों तरह के नमूनों की गंध में क्या अंतर है जिसे कुत्ते पहचान सकते हैं. हर परीक्षण सत्र में हर कुत्ते को एक प्रतिभागी का तनावरहित और एक तनावग्रस्त नमूना दिया गया जिसमें केवल चार मिनट का ही अंतर था.
इस अध्ययन में पाया गया कि सभी कुत्ते (Dogs) हर व्यक्ति के तनाव वाले की नमूने की सटीक पहचान कर शोधकर्ताओं को बताने में सफल रहे. क्लारा विल्सन बताती है कि इन नतीजों ने दर्शाया है कि हम इंसान (Humans) अपने पसीने और सांस द्रवारा अलग अलग गंध (Smell) पैदा करते हैं, जब हम तनाव में होते हैं दो कुत्ते बता सकते हैं कि हम तनावरहित ना होकर तनावग्रस्त हैं भले ही व्यक्ति को इस बात की खुद भी जानकारी हो या ना हो.
शोधकर्ताओं का कहना है कि यह शोध इस बात को रेकांकित करता है कि कुत्तों (Dogs) को किसी तरह दृश्य संवेदी या श्रव्य संवेदी संकेत या सुरागों की जरूरत नहीं हैं जिससे उन्हें पहले से ही पता चल सके कि इंसान (Humans) तनाव में कैसे होते हैं. यह उस स्थिति के विपरीत है जब उन्हें विस्फोटक पहचानने के लिए पहले से प्रशिक्षण देने की जरूरत होती है. यह अध्ययन यह प्रमाण देता है कि कुत्ते तनाव को केवल सांस और पसीने (Sweat and Breath) से ही पहचान सकते हैं जो सेवारत कुत्तों और उपचार में शामिल किए जा रहे कुत्तों के प्रशिक्षण में उपयोगी हो सकता है.
इस अध्ययन ने इंसान (Humans)और कुत्तों (Dogs) के संबंधों पर और ज्यादा प्रकाश डालने का काम भी किया है. इसके साथ ही इससे कुत्ते इंसान की मनोदशा को कैसे समझते हैं और उससे अंतरक्रिया करते हैं यह समझने की क्षमता को भी बढ़ाता है. शोधकर्ताओं ने बताया कि अध्ययन में शामिल किए गए कुत्तों के मालिक भी इस अध्ययन के नतीजों का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. यह शोध इंसान और जानवरों (Animals) में से कुत्तों से बेहतर संबंध होनों के कारण भी रेखांकित करता है.
क्रेडिट ; न्यूज़ 18