विज्ञान

अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का मानना- 16 Psyche में है पूरी दुनिया के सोने के भंडार से भी ज्यादा गोल्ड

Gulabi
25 Jan 2021 1:05 PM GMT
अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का मानना- 16 Psyche में है पूरी दुनिया के सोने के भंडार से भी ज्यादा गोल्ड
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इस खदान के बारे में अनुमान है कि यहां अगले 50 सालों के लिए सोने का पर्याप्त भंडार है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हाल ही में इंटरनेशनल सेंटर फॉर सैटलमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट डिसप्यूट्स (ICSID) ने पाकिस्तान के बलूचिस्तान स्थित रेको डिन खदान (Reko Diq mine) सौदे को रद्द करने पर पाक सरकार पर अरबों डॉलर का जुर्माना लगाया. इस खदान के बारे में अनुमान है कि यहां अगले 50 सालों के लिए सोने का पर्याप्त भंडार है. यही वजह है कि इसे लेकर पाकिस्तान खासा उत्साहित है. इसके अलावा दुनिया में ज्यादा सोने की खदानें खाली हो चुकी हैं. बची-खुची उम्मीद अंतरिक्ष से है.


क्या है गोल्ड पीक
विशेषज्ञ हमेशा से खदानों में घट रहे सोने की बात करते आए. इसे गोल्ड पीक कहते हैं यानी इसके बाद भंडार खत्म हो जाते हैं. कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि हम उस स्टेज पर आ चुके हैं और अब सोना घटने जा रहा है. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) की एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2019 में पूरी दुनिया से लगभग 3,531 टन सोना निकला.

एक-चौथाई सोना बाकी है
अब ये सोना कम हो रहा है. खनन कंपनियों का अनुमान है कि तीन-चौथाई से ज्यादा सोना हमारे घरों या बैंकों तक जा चुका है और एक-चौथाई ही धरती की तह में है. WGC की मानें तो अब जमीन के नीचे केवल 54,000 टन सोना ही है, जो आगे काम आएगा.
खनन कंपनियां कर रहीं शिकायत
साल 2018 में ही खनन कंपनियों में सोने के घटने की शिकायत शुरू कर दी थी. इनमें Newmont Goldcorp, Barrick Gold Corporation और Kinross Gold Corporation जैसी बड़ी कंपनियां तक शामिल हैं. गोल्डकॉर्प के बारे में बता दें कि ये सोने के खनन के मामले में दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में गिना जाता है. इस कंपनी ने हाल के सालों में जमीन के नीचे सोने के भंडार में 2.5 प्रतिशत की गिरावट देखी. वहीं दूसरी ग्लोबल कंपनियों में सोने में गिरावट इससे कहीं ज्यादा है.
अगर सोना खत्म हो जाए तो क्या होगा?
इससे पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था तहस-नहस हो सकती है क्योंकि अब भी देश की ताकत उसके गोल्ड रिजर्व से भी निकाली जाती है. व्यापार में भी सोना बड़ा हिस्सा है. ऐसे में घटते हुए सोने को देखते हुए अंतरिक्ष विज्ञानियों ने दूसरे ग्रहों में सोने की तलाश शुरू कर दी. मंगल और बृहस्पति ग्रह के बीचोंबीच एक ऐसा क्षुद्रग्रह यानी एस्टेरॉयड है, जो हाथ लग जाए तो धरती का हरेक इंसान करोड़पति बन जाएगा.
इतने मूल्य का सोना हो सकता है
16-साइकी नाम के इस ग्रह की संरचना सोने, बहुमूल्य धातु प्लेटिनम, आयरन और निकल से बनी हुई है. सोने-लोहे से बने इस एस्टेरॉयड का व्यास लगभग 226 किलोमीटर है. क्षुद्रग्रह पर खासतौर से लोहे की भरपूर मात्रा है. अंतरिक्ष विशेषज्ञों के मुताबिक एस्टेरॉयड पर मौजूद लोहे की कुल कीमत करीब 8000 क्वॉड्रिलियन पाउंड है. यानी आसान तरीके से समझा जाए तो 8000 के बाद 15 शून्य और लगाने होंगे.
अब तक गणना ही नहीं हो सकी
ब्रिटिश अखबार की वेबसाइट टाइम्स.को.यूके के मुताबिक अगर हम इसे लाने में कामयाब हो सके तो धरती की मौजूदा आबादी में हरेक व्यक्ति को लगभग 9621 करोड़ रुपये मिल सकेंगे. विशेषज्ञों ने ये कीमत उस एस्टेरॉयड में मौजूद लोहे की लगाई है. अब तक उसके सोने और प्लेटिनम के बारे में तो गणना ही नहीं की गई है. फॉक्स न्यूज से बातचीत में वैज्ञानिक और खनन विशेषज्ञ स्कॉट मूर ने बताया कि यहां पर जितना सोना हो सकता है, वो दुनियाभर की सोने की इंडस्ट्री के लिए खतरा बन जाएगा
अगले साल शुरू होगा मिशन
नासा अपनी तरफ से 2022 के मध्य में क्षुद्रग्रह की जांच करने के लिए एक मिशन शुरू कर रहा है, जिसे डिस्कवरी मिशन (Discovery Mission) नाम दिया गया है. ये साल 2026 में साइकी तक पहुंचेगा और जांच शुरू करेगा. वैसे निकट भविष्य में इस ग्रह से सोना लाने जैसी कोई बात नहीं की जा सकती क्योंकि अगर कोई भी देश ऐसा करेगा तो अर्थव्यवस्था में भूचाल आ सकता है.
स्पेस में भी हो सकती है खुदाई
भारी कीमत के सोने को लेकर देशों में युद्ध की नौबत आ सकती है. यही कारण है कि फिलहाल सोने की कीमत का पता लगाने की केवल कवायद ही शुरू हो सकी है. वैसे इसके बावजूद भी स्पेस में खुदाई करने वाली कई कंपनियां इसपर कब्जे की होड़ में लग गई हैं. बता दें कि साल 2015 में स्टेरॉयड को खरीदा या बेचा जाना संभव हो गया, इसके बाद से 16- साइकी की चर्चा हो रही है.


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