विज्ञान

पौधों से बनाई गई एंटीवायरल डोज, कोरोना के खिलाफ प्रभावी, जानें कितनी है सचाई

Gulabi
3 Feb 2021 1:34 PM GMT
पौधों से बनाई गई एंटीवायरल डोज, कोरोना के खिलाफ प्रभावी, जानें कितनी है सचाई
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कोरोना वायरस (Coronavirus) ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है

Coronavirus Medicine Development in Britain: कोरोना वायरस (Coronavirus) ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है. इस वायरस के खातमे के लिए कई कंपनियों ने वैक्सीन विकसित की हैं, जिन्हें वायरस से लड़ने के लिए बेहद प्रभावी भी बताया जा रहा है. लेकिन अब ब्रिटेन में कोरोना वायरस के खिलाफ एक एंटीवायरल दवा (coronavirus medicine found) मिलने का दावा किया गया है.


इसे लेकर अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि कोरोना वायरस के खिलाफ अत्यधिक प्रभावी साबित हो सकने वाली एक एंटीवायरल दवा का पता चला है. इसका भविष्य में संक्रमण के प्रबंधन पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है. ब्रिटेन में 'नॉटिंघम विश्वविद्यालय' के अनुसंधानकर्ता भी यह अनुसंधान करने वाले दल का हिस्सा थे.


पौधों से बनाई गई एंटीवायरल डोज
इस दल ने पाया कि पौधों से बनाए गए एंटीवायरल की अगर कम डोज (coronavirus medicine latest news) दी जाएं, तो वे सांस लेने संबंधी अवरोध पैदा करने वाले कोविड-19 समेत तीन बड़े वायरस के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता पैदा कर सकते हैं. 'वायरसेस' पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन के अनुसार, इस प्रकार के एंटीवायरल संक्रमण रोकने के लिए समुदाय को उपलब्ध कराए जा सकते हैं.

दवा को खाया जा सकता है
उन्होंने कहा कि यह दवा वायरस को कोशिकाओं में अपने प्रतिरूप बनाने से रोकने में भी मददगार है. अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि थैप्सिगार्गिन एक ऐसी एंटीवायरल दवा (coronavirus medicine update in hindi) है, जो संक्रमण के दौरान या उससे पहले लेने पर प्रभावी होती है. अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि इस दवा को वैक्सीन के माध्यम से देने या इसके लिए अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं होगी. इस दवा को (coronavirus medicine update) मुंह के जरिए लिया जा सकता है.

अभी तक मिले नतीजे बेहद अहम
'नॉटिंघम विश्वविद्यालय' के प्रोफेसर किन चॉ चांग ने कहा, 'हम इस एंटीवायरल (coronavirus medicine development) को विकसित करने और यह पता लगाने के शुरुआती चरण में हैं कि कोविड-19 जैसे वायरस का इनसे कैसे उपचार होगा, लेकिन अभी तक मिले नतीजे बहुत अहम हैं.' अगर इस दवा के पूर्ण रूप से विकसित होने के बाद इसे मंजूरी मिल जाती है, तो यह दुनिया के लिए किसी वरदान से कम नहीं होगी. वैक्सीन (vaccines) के मुकाबले दवा लोगों तक पहुंचाने में कम दिक्कतें आएंगी, जिसका लाभ अधिक से अधिक देशों के हर तबके के लोगों को हो पाएगा.


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