धर्म-अध्यात्म

Pradosh Vrat पर इस विधि व शुभ मुहूर्त में करें पूजा

Tara Tandi
4 Dec 2024 5:20 AM GMT
Pradosh Vrat पर इस विधि व शुभ मुहूर्त में करें पूजा
x
Pradosh Vratज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में कई सारे पर्व त्योहार मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन प्रदोष व्रत को बहुत ही खास माना गया है जो कि हर माह में दो बार पड़ता है। यह तिथि भगवान शिव को समर्पित होती है इस दिन भक्त शिव की विधिवत पूजा करते हैं और दिनभर उपवास आदि भी रखते हैं
माना जाता है कि ऐसा करने से महादेव की कृपा बरसती है और जीवन की सारी दुख परेशानियां खत्म हो जाती हैं तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा बता रहे हैं कि दिसंबर माह का पहला प्रदोष व्रत 13 दिसंबर दिन शुक्रवार को किया जाएगा। शुक्रवार को प्रदोष पड़ने के कारण ही इसे शुक्र प्रदोष व्रत कहा जा रहा है तो आज हम आपको शिव पूजा की विधि बता रहे हैं।
प्रदोष व्रत की तारीख और मुहूर्त—
हिंदू पंचांग के अनुसार दिसंबर माह का पहला प्रदोष व्रत मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाएगा। मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का आरंभ 12 दिसंबर को 10 बजकर 26 मिनट पर हो रहा है और त्रयोदशी तिथि का समापन 13 दिसंबर को शाम 7 बजकर 40 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में दिसंबर माह का पहला प्रदोष व्रत 13 दिसंबर को किया जाएगा।
पूजन का शुभ समय—
आपको बता दें कि 13 दिसंबर को प्रदोष व्रत के दिन प्रदोष काल शाम को 5 बजकर 26 मिनट से शाम 7 बजकर 40 मिनट तक रहेगा। इस दौरान आप भगवान शिव की पूजा अर्चना कर सकते हैं शुक्रवार के दिन पड़ने के कारण यह शुक्र प्रदोष व्रत कहलाएगा।
प्रदोष व्रत पर ऐसे करें पूजा—
प्रदोष व्रत के दिन सुबह उठकर स्नान आदि करें इसके बाद साफ वस्त्रों को धारण कर मन को शांत रखें। फिर पूजा स्थल पर शिवलिंग की स्थापना करें और व्रत का संकल्प करें। अब शिवलिंग का अभिषेक पंचामृत से करें। पंचांमृत में दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल मिलाएं। शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और सफेद पुष्प अर्पित करें। पूजा के समय धूप दीपक जलाकर भगवान शिव की पूजा करें फिर ॐ नमः शिवाय इस मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें। पूजा समाप्त होने के बाद भगवान शिव की आरती करें। आखिर में शिव जी को सफेद चीजें जैसे खीर का प्रसाद अर्पित करें। माना जाता है कि इस विधि से प्रदोष व्रत की पूजा करने से महादेव की कृपा प्राप्त होती है।
Next Story