धर्म-अध्यात्म

मार्गशीर्ष के महीने में कृष्ण की उपासना का ये है महत्व, इन बातों का रखें खास ख्याल

Triveni
2 Dec 2020 12:19 PM GMT
मार्गशीर्ष के महीने में कृष्ण की उपासना का ये है महत्व, इन बातों का रखें खास ख्याल
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जिस तरह सावन के महीने में शिव की और कार्तिक के महीने में भगवान विष्णु की आराधना की जाती है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| जिस तरह सावन के महीने में शिव की और कार्तिक के महीने में भगवान विष्णु की आराधना की जाती है. ठीक उसी तरह मार्गशीष के महीने में कृष्ण भगवान की आराधना विशेष रूप से की जाती है. माना जाता है कि अगर इस पूरे महीने कृष्ण की भक्ति कर ली जाए तो किस्मत चमक जाती है. अगर आप भी चाहते हैं कि आपको भगवान कृष्ण की विशेष कृपा प्राप्त हो तो इस महीने आपको कुछ विशेष उपाय करने के साथ साथ कुछ खास बातों को भी ध्यान में रखना चाहिए.

रोजाना करें श्रीमद्भगवद्गगीता का पाठ
कहते हैं भगवान कृष्ण का आशीर्वाद हासिल करना हो तो श्रीमद्भगवद्गगीता का पाठ अवश्य रूप से करना चाहिए. चूंकि मार्गशीर्ष का महीना कृष्ण की आराधना को ही समर्पित होता है इसीलिए इस पूरे महीने रोज़ाना श्रीमद्भगवद्गगीता का पाठ करें. भगवान कृष्ण अवश्य प्रसन्न होंगे.
इस मंत्र का करें जाप
भगवान कृष्ण की विशेष कृपा प्राप्त करनी है तो इस पूरे महीने रोज़ाना जब भी सुबह शाम पूजा करें तो ॐ नमो भगवते वासुदेवाय इस मंत्र का जाप करना ना भूले. इस मंत्र के जाप से नंदलाल प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों के सभी कष्टों को हर लेते हैं.

इस चीज़ का लगाएं भोग
ये तो आप जानते ही होंगे कि भगवान कृष्ण को तुलसी कितनी प्रिय होती है. इसीलिए कृष्ण की पूजा को समर्पित इस खास महीने में उन्हें तुलसी के पत्ते अर्पित किए जाएं तो अति शुभ फलों की प्राप्ति होती है.
धर्म कर्म का विशेष महत्व
इधर उधर की बातों में समय न गंवाते हुए मार्गशीर्ष के महीने में कृष्ण की आराधना में लीन रहे और उनके भजन कीर्तन में समय बिताना चाहिए. इस पवित्र महीने में धर्म कर्म का विशेष महत्व होता है.

इन बातों का रखें विशेष ध्यान
कार्तिक मास की तरह ही मार्गशीर्ष के माह में भी कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना अति आवश्यक माना गया है. जिसके मुताबिक इस महीने में
दोनों समय नित्य रूप से पूजा अर्चना करना ज़रुरी होती है. इससे भगवान प्रसन्न होते हैं खासतौर से शाम के समय ज़रुर पूजा करनी चाहिए.
जिस तरह कार्तिक महीने में दही खाना निषेध माना गया है ठीक उसी तरह मार्गशीर्ष के महीने में जीरे के सेवन की मनाही होती है.
इस विशेष महीने में मालिश का बहुत ही महत्व है. इस पूरे महीने मालिश ज़रुर करनी चाहिए.
सावन के महीने में तले भुने, तेल वाले खाने की मनाही हो जाती है तो वहीं मार्गशीर्ष के माह में इन चीज़ों का सेवन करने की बात कही जाती है.


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