धर्म-अध्यात्म

नवरात्रि के चौथे दिन इस विधि से करें मां कूष्‍मांडा की पूजा, इन चीजों का लगाएं भोग...

Triveni
16 April 2021 4:52 AM GMT
नवरात्रि के चौथे दिन इस विधि से करें मां कूष्‍मांडा की पूजा, इन चीजों का लगाएं भोग...
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चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन शक्ति की देवी मां दुर्गा के चौथे स्‍वरूप माता कूष्‍मांडा की पूजा की जाती है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन शक्ति की देवी मां दुर्गा के चौथे स्‍वरूप माता कूष्‍मांडा की पूजा की जाती है. नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्‍मांडा का पूजन करने का विशेष महत्‍व होता है. पारंपरिक मान्‍यताओं के अनुसार, जो भक्‍त सच्‍चे मन से नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्‍मांडा की पूजा करते हैं उन्हें आयु, यश और बल की प्राप्‍ति होती है. माना जाता है कि मां कुष्मांडा की विधि विधान से पूजा करने से मनोवांछित फल भी प्राप्त होते हैं. यह भी मान्यता है जो भक्त मां के इस रूप की आराधना करते हैं, उनपर कभी किसी प्रकार का कष्ट नहीं आता.

मां कूष्‍मांडा का रूप
कूष्‍मांडा देवी को अष्टभुजा भी कहा जाता है. इनकी आठ भुजाएं हैं. अष्टभुजा देवी अपने हाथों में धनुष, बाण, कमल-पुष्प, कमंडल, जप माला, चक्र, गदा और अमृत से भरपूर कलश रखती हैं. आठवें हाथ में सभी सिद्धियों और निधियों को देने वाली जप माला है. देवी के हाथ में जो अमृत कलश है उससे वह अपने भक्‍तों को दीर्घायु और उत्तम स्‍वास्‍थ्‍य का वरदान देती हैं. मां कूष्‍मांडा सिंह की सवारी करती हैं, जो धर्म का प्रतीक है. अपनी मंद, हल्की हंसी के द्वारा मां कूष्‍मांडा ने अपने उदर से ब्रह्मांड को उत्पन्न किया था.
मां कूष्‍मांडा की पूजा विधि
- नवरात्रि के चौथे दिन सुबह-सवेरे उठकर स्‍नान कर हरे रंग के वस्‍त्र धारण करें.
- मां की फोटो या मूर्ति के सामने घी का दीपक जलाएं और उन्‍हें तिलक लगाएं.
- अब देवी को हरी इलायची, सौंफ और कुम्‍हड़े का भोग लगाएं.
- अब 'ऊं कूष्‍मांडा देव्‍यै नम:' मंत्र का 108 बार जाप करें.
- मां कूष्‍मांडा की आरती उतारें और क‍िसी ब्राह्मण को भोजन कराएं या दान दें.
- इसके बाद स्‍वयं भी प्रसाद ग्रहण करें.


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