- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- धर्म-अध्यात्म
- /
- वट सावित्री व्रत का...
x
शास्त्र में पति की लंबी उम्र और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए कई तरह के व्रत रखे जाते हैं। इसमें ज्येष्ठ माह में पड़ने वाला वट सावित्री व्रत भी शामिल है। शास्त्रों में इस व्रत का विशेष महत्व है। हिंदू धर्म में ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि के दिन महिलाएं पति की लंबी आयु और सौभाग्य प्राप्ति के लिए वट सावित्री का व्रत रखती है, कहते हैं कि इस दिन व्रत रखने से महिलाओं के दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है।
वट सावित्री व्रत 2023: तिथि शुभ मुहूर्त
ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन वट सावित्री का व्रत रखा जाता है। इस बार यह तिथि 18 मई 2023 को रात 9 बजकर 42 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 19 मई 2023, को रात 9 बजकर 22 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार वट सावित्री का व्रत 19 मई 2023, शुक्रवार के दिन रखा जाएगा। इस दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 19 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 42 मिनट तक रहेगा।
वट सावित्री व्रत की पूजा विधि
इस व्रत को पूर्ण श्रद्धा से रखने पर पति की लंबी आयु व संतान प्राप्ति फलित होती है। इस दिन विवाहित महिलाएं बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं, उसकी परिक्रमा करती हैं और उसके चारों ओर कलावा बांधती हैं। वैसे तो अमावस्या तिथि ही अपने आप में महत्वपूर्ण तिथि होती है। लेकिन ज्येष्ठ अमावस्या के दिन शनि जयंती भी मनाई जाती है।
वट सावित्री व्रत का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सुहागिन महिलाएं वट सावित्री का व्रत अखंड सौभाग्य की प्राप्ति और खुशहाल दांपत्य जीवन के लिए रखती हैं। इस दिन वट वृक्ष यानी बरगद के पेड़ का पूजन किया जाता है। कहते है कि वट वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवताओं का वास होता है। वट वृक्ष का पूजन करने से तीनों देवताओं का आशीर्वाद एक साथ प्राप्त होता है। इसलिए वट सावित्री व्रत के दिन वट वृक्ष के नीचे बैठकर विधि-विधान के साथ पूजन किया जाता है।
Tagsवट सावित्री व्रत का क्या है महत्ववास्तु दोषवास्तु दोष के उपायवास्तु दोष निवारण के उपायवास्तु शास्त्रवास्तु शास्त्र का ज्ञानवास्तु के नियमवास्तु टिप्सकुछ महत्वपूर्ण वास्तु नियमसनातन धर्महिंदू धर्मभारतीय ज्योतिष शास्त्रज्योतिष शास्त्रVastu DoshaVastu Dosha RemediesVastu ShastraKnowledge of Vastu ShastraRules of VastuVastu TipsSome Important Vastu RulesSanatan DharmaHinduismIndian AstrologyJyotish Shastraजनता से रिश्ताजनता से रिश्ता न्यूज़लेटेस्ट न्यूज़न्यूज़ वेबडेस्कआज की बड़ी खबरRelationship with publicrelationship with public newslatest newsnews webdesktoday's big news
Apurva Srivastav
Next Story