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धर्म-अध्यात्म
Vastu Shastra: स्वास्तिक बनाते वक्त जरूर ध्यान रखें ये बातें
Sanjna Verma
27 July 2024 7:05 PM GMT
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Vastu Shastra वास्तु शास्त्र: सनातन धर्म में स्वास्तिक का चिन्ह बेहद शुभ और मंगलकारी माना गया है। यह भगवान गणेश का प्रतीक माना जाता है। इसलिए शुभ कार्यों के आंरभ से पहले स्वास्तिक बनाया जाता है।हिंदू धर्म में पूजा-पाठ के दौरान स्वास्तिक का चिन्ह बनाना बेहद शुभ माना गया है। मान्यता है कि इससे घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। स्वास्तिक को प्रथम पूजनीय देवता श्री गणेश का प्रतीक माना जाता है। इसलिए सभी Manglik कार्यों के शुभारंभ में स्वास्तिक बनाया जाता है। स्वास्तिक की आठ भुजाएं होती हैं। जिसे पृथ्वी, अग्नि, जल, वायु, आकाश का प्रतीक माना गया है। साथ ही मुख्य चार भुजाएं, चार वेदों, चार दिशाओं और चार पुरुषार्थ(धर्म,अर्थ, काम और मोक्ष ) का प्रतीक मानी गई हैं। वास्तु के अनुसार, घर में सकारात्मक ऊर्जा के संचार के लिए स्वास्तिक बनाते समय कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए। आइए जानते हैं स्वास्तिक से जुड़े वास्तु टिप्स...
स्वास्तिक से जुड़े खास वास्तु टिप्स :
-घर या ऑफिस में पूर्व, उत्तर-पूर्व और उत्तर दिशा में स्वास्तिक बनाना चाहिए।
-घर में अष्टधातु या तांबे का स्वास्तिक लगाना भी मंगलकारी माना गया है।
-बच्चों के स्टडी रूम में दक्षिण-पश्चिम दिशा में स्वास्तिक लगा सकते हैं।
-घर में स्वास्तिक बनाने के लिए हमेशा सिंदूर का इस्तेमाल करें।
-वास्तु के अनुसार, स्वास्तिक के आसपास जूत-चप्पल नहीं उतारना चाहिए।
-वास्तु दोषों से मुक्ति पाने के लिए नौ उंगली लंबा और चौड़ा स्वास्तिक बनाना चाहिए।
-घर में सकारात्मक ऊर्जा के संचार के लिए मुख्यद्वार पर स्वास्तिक बना सकते हैं।
-मान्यता है कि तिजोरी पर सिंदूर से स्वास्तिक बनाने से धन-संपत्ति में वृद्धि हो सकती है।
-कहा जाता है कि घर के आंगन के बीच में Swastika बनाने से नेगेटिविटी दूर होती है।
-घर के सामने कोई पेड़ या खंभा नजर आए तो मुख्यद्वार पर स्वास्तिक बनाना शुभ होता है।
Sanjna Verma
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