धर्म-अध्यात्म

ये सूर्य ग्रहण बढ़ाएगा प्राकृतिक आपदाओं की आशंका, ये राशि के लोग रहें सचेत

Apurva Srivastav
9 Jun 2021 5:52 AM GMT
ये सूर्य ग्रहण बढ़ाएगा प्राकृतिक आपदाओं की आशंका, ये राशि के लोग रहें सचेत
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धार्मिक और वैज्ञानिक रूप से ग्रहण को महत्वपूर्ण घटना माना जाता है

धार्मिक और वैज्ञानिक रूप से ग्रहण को महत्वपूर्ण घटना माना जाता है. धार्मिक रूप से मान्यता है कि ग्रहण के दौरान राहु—केतु सूर्य या चंद्र को ग्रास बनाते हैं. जब राहु—केतु सूर्य को ग्रास बनाते हैं तो ये सूर्य ग्रहण और चंद्र को ग्रास बनाते हैं तो चंद्र ग्रहण पड़ता है. ग्रहण के दौरान सूर्य या चंद्र पीड़ित होते हैं और कमजोर पड़ जाते हैं. इसका असर आम जनमानस के जीवन पर भी पड़ता है. साल 2021 का पहला सूर्य ग्रहण 10 जून गुरुवार के दिन पड़ने जा रहा है.

ज्योतिषाचार्या प्रज्ञा वशिष्ठ के मुताबिक कोरोना काल में लोग पहले से ही काफी डरे हुए हैं, ऐसे में उनके अंदर इस बात का डर और बढ़ गया है कि ये सूर्य ग्रहण अब किस तरह से जीवन पर असर डालेगा. प्रज्ञा वशिष्ठ का कहना है कि 10 जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण दोपहर 1 बजकर 42 मिनट से शुरू होगा और शाम 06 बजकर 41 मिनट पर समाप्त होगा. लेकिन भारत में ये ग्रहण आंशिक सूर्य ग्रहण होगा, इसलिए यहां सूतक के नियम लागू नहीं होंगे और न ही ग्रहण का विशेष असर देखने को मिलेगा क्योंकि मान्यता है कि ग्रहण जहां दिखाई देता है,उसके प्रभाव उन्ही क्षेत्रों में होते हैं.
ग्रहण से प्राकृतिक आपदाओं की आशंका
भारत में ये ग्रहण केवल देश के उत्तर-पूर्वी​ हिस्सों अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख में कुछ समय के लिए दिखाई देगा. वहीं, उत्तरी अमेरिका, यूरोप और एशिया के एक बड़े हिस्से में आंशिक सूर्य ग्रहण दिखाई देगा. ज्योतिषाचार्या प्रज्ञा वशिष्ठ का कहना है कि जिन क्षेत्रों में ये ग्रहण दिखाई देगा वहां पर कुछ राजनीतिक उथल—पुथल और प्राकृतिक आपदाओं की आशंका है. चूंकि आज के समय में सारा विश्व एक दूसरे से किसी न किसी तरह जुड़ा हुआ है, ऐसे में दुनिया के तमाम हिस्सों में जहां ग्रहण नहीं दिखाई देगा, वहां भी अप्रत्यक्ष रूप से ग्रहण का प्रभाव पड़ सकता है. ऐसे में लोगों को थोड़ी सावधानी और सतर्कता बरतने की जरूरत है.
चंद्र से प्रभावित राशि के लोग इसलिए रहें सचेत
ज्योतिषाचार्या प्रज्ञा वशिष्ठ का कहना है कि आमतौर पर लोग समझते हैं कि सूर्य ग्रहण के समय सूर्य और चंद्र ग्रहण के समय चंद्रमा कमजोर होता है. लेकिन वास्तव में चंद्रमा सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण दोनों में ही कमजोर होता है. इसकी वजह ये है कि सूर्य ग्रहण हमेशा अमावस्या के दिन होता है और अमावस्या को चंद्रमा हमेशा कमजोर ही होता है. इस बार सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य से भी कहीं ज्यादा चंद्रमा प्रभावित हो रहा है क्योंकि ये आंशिक ग्रहण है, साथ ही सूर्य और राहु के मध्य डिग्रीज का काफी अंतर है. इस स्थिति में ऐसे लोग जिनकी राशि चंद्रमा से प्रभावित है, उन्हें विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है.
क्या करें
1. मन को शांत रखें. इसके लिए ध्यान, गायत्री मंत्र का जाप, ओम नम: शिवाय या सिर्फ ओम का जाप करें.
2.जलीय यात्राओं को करने से परहेज करें और किसी भी तरह के व्यसन से बचें क्योंकि व्यसन करने से राहु केतु शनि के बुरे प्रभाव बढ़ जाते हैं और ये चंद्रमा को भी बुरी तरह प्रभावित करते हैं.
3. मन में नकारात्मक या अशुभ विचार न आने दें. ग्रहण के दौरान यात्रा से बचें.
4. ये ग्रहण वृषभ राशि में लग रहा है, इसलिए ग्रहण वाले दिन वृषभ राशि में सूर्य, चंद्र, राहु, बुध साथ होंगे. चंद्रमा राहु और बुध दोनों से प्रभावित हो जाता है, अतः कर्क राशि वाले जातक इस दौरान विशेष ख्याल रखें.
5. उपाय के तौर पर सभी लोग सूर्य को अर्घ्य दें. सूर्य मंत्र या गायत्री मंत्र का जाप करेंं.


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