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अक्षय तृतीया पर यानी 22 अप्रैल को कई शुभ-अशुभ योग (Yog on Akshaya Tritiya) बन रहे हैं. इसमें तीन योग हैं जो काफी प्रभावशाली है. इनमें चतुग्रही योग, पंचग्रही योग और गुरु चांडाल योग शामिल हैं. आपको बता दें, पंचग्रही योग करीब 125 साल बाद बन रहा है. वहीं, 12 साल बाद चतुग्रही योग का निर्माण हो रहा है. वहीं, गुरु चांडाल योग भी 22 अप्रैल को बन रहा है. चलिए आपको तीनों योग के बारे में बताते हैं.
चतुग्रही योग
22 अप्रैल को गुरु मेष राशि में गोचर करने जा रहे हैं. इसी दिन 4 ग्रहों का अनोखा संयोग भी बनने जा रहा है. साथ ही इस गोचर का प्रभाव सभी राशियों पर देखने को मिलेगा. लेकिन 6 राशियों के लिए विशेष संयोग बन रहा है. दरअसल, 14 अप्रैल को सूर्य और 22 अप्रैल को गुरु आकर मेष राशि में विराजमान होंगे. वहीं, मेष राशि में राहु और बुध पहले से ही विराजमान है. जिसके कारण 12 साल यह चतुग्रही संयोग (Chaturgrahi Yog) बनने जा रहा है.
चतुग्रही योग में मेष राशि, कर्क राशि, कन्या राशि, धनु राशि, मिथुन राशि और सिंह राशि के लिए शुभ होगा. इन राशियों के लिए आर्थिक और धन लाभ का योग है.
पंचग्रही योग
अक्षय तृतीया पर पंचग्रही योग 125 साल बाद बन रहा है. मेष राशि में 5 ग्रह सूर्य, गुरु, बुध, राहू और अरुण पंचग्रही योग का निर्माण 125 साल बाद करेंगे. इससे राशियों को बेहद भाग्यशाली बनाएगा. पंचग्रही योग में 4 राशियों का भाग्य चमकनेवाला है. इसमें वृषभ राशि, मेष राशि, वृश्चिक राशि और कर्क राशि वालों के लिए शुभ होगा. चार राशियों के लिए पंचग्रही योग अच्छा है और ये धन, समृद्धि, नौकरी प्रमोशन के योग बना रहे हैं.
गुरु चांडाल योग
गुरु चांडाल योग तब बनता है जब राहु और गुरु एक साथ आते हैं. अगर किसी की कुंडली में गुरु नीच हो जाए तो इसके बाद उस व्यक्ति के सारे काम विपरित होने लगते हैं. राहु की कारण ही कोई व्यक्ति विपरित कर्म और अनैतिक कार्य करता है. गुरु चांडाल योग बनने पर राहु और गुरु के नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलते हैं. ऐसे में गुरु चांडाल योग जातक को हमेशा बुरे परिणाम मिलते हैं. 22 अप्रैल 2023 को मेष राशि में गुरु और राहु ग्रह का गोचर हो रहा है इसी से गुरु चांडाल योग का निर्माण हो रहा है. ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, मेष राशि में राहु और बुध पहले से ही मौजूद हैं और 22 अप्रैल को गुरु यहां आकर राहु के साथ गुरु चांडाल योग बनाएंगे. इससे ये अशुभ योग करीब 7 महीने रहनेवाला है.
गुरु चांडाल योग का असर सभी राशियों पर होगा. जिस राशि में गुरुचांडाल योग बन रहा है वह नियमित रूप से भगवान गणेश और माता सरस्वती की पूजा करनी चाहिए. ऐसा करने से गुरु चांडाल योग का प्रभाव कम किया जा सकता है.
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Apurva Srivastav
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