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फाल्गुन मास समाप्त होने के बाद चैत्र माह प्रारंभ होता है। चैत्र माह के पहले दिन नववर्ष का पहला दिन होता है। चैत्र माह के पहले दिन से ही चैत्र नवरात्रि प्रारंभ होती है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस बार नववर्ष का प्रारंभ 22 मार्च बुधवार 2023 को हो रहा है जो 31 मार्च तक चलेगी। इसी दिन से चैत्र नवरात्र प्रारंभ होगी और इसी दिन गुड़ी पड़वा का पर्व भी मनाया जाएगा।
कलश स्थापना (घटस्थापना) मुहूर्त : 22 मार्च 2023 को सुबह 06 बजकर 29 से सुबह 07 बजकर 39 तक घर स्थापना कर सकते हैं।
लाभ-उन्नति मुहूर्त : उपरोक्त समय में लाभ-उन्नति मुहूर्त भी है। इस दिन लाभ-उन्नति मुहूर्त सुबह 06 बजकर 23 मिनट से सुबह 07 बजकर 55 मिनट तक है।
ब्रह्म मुहूर्त : प्रात: 05:06 से 05:54 तक।
अमृत काल : सुबह 11:07 से 12:35 तक।
विजय मुहूर्त : दोपहर 02:47 से 03:35 तक।
सायाह्न सन्ध्या : शाम 06:50 से 08:01 तक।
तीन शुभ योग : इस बार नवरात्रि की शुरुआत शुक्ल योग में हो रही है। इसके बाद ब्रह्म योग शुरू हो जाएगा। ब्रह्म योग के बाद इंद्र योग भी लगेगा। इन योगों में देवी की पूजा अर्चना करना बेहद शुभकारी मानी जाती है।
शुक्ल योग : प्रात: 9 बजकर 18 मिनट तक
ब्रह्म योग : 9 बजकर 19 मिनट से अगले दिन सुबह 6 बजे तक रहेगा।
इंद्र योग : ब्रह्म योग के बाद इंद्र योग प्रारंभ होगा।
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Apurva Srivastav
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