धर्म-अध्यात्म

कंकणाकृति में सूर्यग्रहण पर नहीं लगेगा सूतक काल

Khushboo Dhruw
2 Jun 2021 2:20 PM GMT
कंकणाकृति में सूर्यग्रहण पर नहीं लगेगा सूतक काल
x
10 जून 2021 गुरुवार को ज्योतिष की दृष्टि में वर्ष का पहला सूर्यग्रहण होने जा रहा है।

10 जून 2021 गुरुवार को ज्योतिष की दृष्टि में वर्ष का पहला सूर्यग्रहण होने जा रहा है। हिन्दू माह अनुसार ज्येष्ठ माह की अमावस्या को यह सूर्य ग्रहण होगा। इसके बाद वर्ष का दूसरा ग्रहण 4 दिसंबर 2021 को दिखाई देगा। 10 जून को जो सूर्यग्रहण होगा उसे कंकणाकृति सूर्यग्रहण कहा जा रहा है। दरअसल, ग्रहण तीन प्रकार होते हैं जैसे खग्रास या पूर्ण, खंडग्रास या मान्द्य, वलयकार या कंकणाकृति। कंकणाकृति में सूर्य किसी कंगन के समान नजर आता है। आओ जानते हैं कि इस ग्रहण का सूतककाल लगेगा या नहीं और तब क्या करें।

यहां दिखाई देगा सूर्य ग्रहण : यह सूर्य ग्रहण उत्तरी अमेरिका के उत्तर पूर्वी भाग, उत्तरी एशिया और उत्तरी अटलांटिक महासागर में दिखाई देगा। कुछ लोगों के अनुसार यह सूर्य ग्रहण दक्षिणी अमेरिका, अंटार्कटिका, दक्षिण-पश्चिम अफ्रीका, प्रशांत महासागर और आइसलैंड क्षेत्र में दिखाई देगा। कनाडा, रूस और ग्रीनलेण्ड में भी इसे देखा जा सकेगा।
कब से प्रारंभ होगा सूर्य ग्रहण : भारतीय मानक समयानुसार इन हिस्सों में ग्रहण का प्रारंभ 1 बजकर 43 मिनट पर दिन में होगा तथा इसका मोक्ष 6 बजकर 41 मिनट शाम को होगा।
भारत में नहीं दिखाई देगा सूर्य ग्रहण : ज्योतिषियों के अनुसार यह ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। यह सूर्य ग्रहण भारत में न के बराबर दिखाई देगा।
सूतक काल नहीं होगा मान्य : यह सूर्य ग्रहण भारत में न के बराबर दिखाई देगा। इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। सामान्यतः सूर्य ग्रहण मान्य होने पर इसका सूतक 12 घंटे पहले लग जाता है जिसमें कोई भी यज्ञ, अनुष्ठान नहीं किए जाते हैं और मंदिर के कपाट भी बंद रहते हैं। इसमें भोजन भी ग्रहण काल की समाप्ति के बाद ही किया जाता है।हालांकि जो भारतीय विदेश में ग्रहण वाले स्थान पर रह रहे हैं वे सूतक काल का पालन करें।
क्या करें इस अमान्य सूतक ग्रहण में :
1. यह सही है कि भारत में सूर्य ग्रहण नहीं दिखाई देगा तो इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। परंतु यह भी सही है कि ग्रहण का असर तो संपूर्ण धरती पर ही पड़ता है। ऐसे में धरती पर कई तरह की प्राकृतिक उथल-पुथल होती है। इसी के कारण समाज और सत्ता में भी परिवर्तन देखने को मिलते हैं।
2. ऐसे में व्यक्ति को हरिभजन करना चाहिए, भोजन भी उत्तम ही खाएं। पानी और भोजन में तुलसी का प्रयोग करें।
3. श्रमशील कार्यों और यात्रा से बचें।
4. सूर्य ग्रहण के प्रभाव से आगजनी, उपद्रव और विभिन्न प्रकार के भौगोलिक एवं राजनीतिक घटनाक्रम बन सकते हैं इसीलिए सावधानी रखने की जरूरत है।
5. गर्भवती महिलाएं और बच्चे इस दौरान सावधानी रखें। घर से बाहर ना निकलें।
6. इस दिन दिन वट सावित्री व्रत और शनि जयंती भी है और अमावस्या भी है। अत: इस दिन श्रीहरि विष्णु के साथ ही शनिदेव और वट का पूजन भी करें।


Next Story