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IIT से पढ़ाई, 22 साल की उम्र में IPS, इससे कर्नाटक के डिप्टी CM क्यों चिंतिंत?

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | आज सीबीआई को नया चीफ मिल गया। कर्नाटक के डीजीपी प्रवीण सूद ने आज सीबीआई के नए डायरेक्टर का कामकाज संभाल लिया। 1986 बैच के IPS अधिकारी सूद दो साल तक इस पद पर रहेंगे। वे मई 2024 में रिटायर हो रहे हैं, लेकिन इस नियुक्ति के साथ ही उनका कार्यकाल मई 2025 तक बढ़ गया है।
CBI के मौजूदा डायरेक्टर सुबोध कुमार जायसवाल का कार्यकाल आज समाप्त हुआ। प्रवीण के नाम का एलान कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के अगले ही दिन कर दिया गया था। इस एलान के साथ सियासी गलियारे में हलचल भी तेज हो गई थी।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के अगले दिन राज्य के DGP प्रवीण सूद को CBI का नया डायरेक्टर नियुक्त किया गया। सूद हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के रहने वाले हैं। उनके पिता ओम प्रकाश सूद दिल्ली सरकार में क्लर्क थे, जबकि मां कमलेश सूद दिल्ली के सरकारी स्कूल की टीचर थीं। सूद ने प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के सरकारी स्कूल से की है। इसके बाद उन्होंने IIT दिल्ली से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया।
1986 में महज 22 साल की उम्र में उन्होंने सिविल सर्विस परीक्षा क्वालिफाई की और IPS बने। उन्हें कर्नाटक कैडर मिला। सर्विस के दौरान ही उन्होंने IIM बेंगलुरु से पब्लिक पुलिस मैनेजमेंट में MBA पूरा किया। पुलिस सर्विस के शुरुआती दौर में वे बेल्लारी और रायचुर में एसपी रहे। इसके अलावा बेंगलुरु और मैसूरु में वे DCP भी रहे।
सूद को 1996 में मुख्यमंत्री की ओर से गोल्ड मेडल मिल चुका है। इसके अलावा 2002 में पुलिस पदक और 2011 में विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति की तरफ से पुलिस पदक दिया गया था। जून 2020 में प्रवीण सूद कर्नाटक के DGP बनाए गए थे।
कर्नाटक के डिप्टी सीएम और कांग्रेस नेता क्यों डर रहे?
इसे समझने के लिए हमने राजनीतिक विश्लेषक प्रो. अजय कुमार सिंह से बात की। उन्होंने कहा, 'कर्नाटक चुनाव के नतीजे आने के एक दिन बाद ही प्रवीण सूद को सीबीआई निदेशक बनाने का आदेश जारी हुआ। इसको लेकर कांग्रेस ने कई तरह के आरोप लगाए हैं। कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि विपक्षी दलों के नेताओं और गैर भाजपा शासित राज्यों की सरकार को परेशान करने के लिए प्रवीण सूद को सीबीआई का नया डायरेक्टर बनाया गया है।'
प्रो. सिंह कहते हैं, 'प्रवीण सूद लंबे समय से कर्नाटक में तैनात हैं। उन्हें कर्नाटक के छोटे से लेकर बड़े नेताओं तक की सारी जानकारी है। वह सभी के आपराधिक मामलों को भी जानते हैं। यही कारण है कि विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने उन्हें 'नालायक' कह दिया था। शिवकुमार ने कहा था कि हमारे डीजीपी इस पद के लायक नहीं हैं। वह तीन साल से डीजीपी हैं, लेकिन भाजपा कार्यकर्ता की तरह काम करते हैं। उनके खिलाफ एफआईआर होनी चाहिए।'
प्रो. सिंह के अनुसार, 'कर्नाटक के सीएम, डिप्टी सीएम समेत कई मंत्रियों और कांग्रेस विधायकों पर कई तरह के गंभीर आरोप लगे हैं। भ्रष्टाचार से लेकर तमाम मुकदमे दर्ज हैं। प्रवीण सूद को इन सबके बारे में जानकारी है। इसके अलावा कर्नाटक में आय से अधिक संपत्ति को लेकर भी खूब चर्चा होती है। डीजीपी रहते हुए सूद ने इस पर भी काफी काम किया है। इसलिए संभव है कि आने वाले दिनों में कर्नाटक कांग्रेस के नेताओं की मुश्किलें बढ़ जाए।'
कैसे सीबीआई डायरेक्टर नियुक्त किए गए सूद?
कर्नाटक के जिस दिन नतीजे आए, उसी 13 मई की शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर सीबीआई के नए डायरेक्टर की नियुक्ति को लेकर बैठक हुई। इसमें तीन आईपीएस अधिकारियों के नामों पर चर्चा हुई। प्रवीण सूद के अलावा मध्य प्रदेश के DGP सुधीर सक्सेना और सीनियर IPS ताज हासन का नाम शामिल था। हालांकि, अंतिम तौर पर सूद के नाम पर ही मुहर लग गई। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवीई चंद्रचूड़ और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी शामिल रहे। बताया जाता है कि पीएम मोदी और चीफ जस्टिस ने सूद के नाम पर मुहर लगाई थी। वहीं, अधीर रंजन चौधरी ने सूद के नाम पर आपत्ति जताई थी।
पीएम मोदी ने कहा था- कोई भ्रष्टाचारी बचना नहीं चाहिए
हाल ही में सीबीआई की स्थापना के 60 साल पूरे हुए। इस अवसर पर एक कार्यक्रम आयोजित हुआ। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिरकत की थी। प्रधानमंत्री ने अपने 25 मिनट के संबोधन में CBI के छह दशक के सफर और आगे आने वाली चुनौतियों को लेकर बात की।
उन्होंने CBI से कहा, 'आपको कहीं पर भी रुकने की जरूरत नहीं है। मैं जानता हूं आप जिनके खिलाफ एक्शन ले रहे हैं वे बेहद ताकतवर लोग हैं, बरसों तक वे सरकार और सिस्टम का हिस्सा रहे हैं। आज भी वे कई जगह किसी राज्य में सत्ता का हिस्सा हैं, लेकिन आपको अपने काम पर फोकस रखना है कोई भी भ्रष्टाचारी बचना नहीं चाहिए।'