धर्म-अध्यात्म

पितृ पक्ष में कर सकते हैं शॉपिंग, जानिए विशेष मुहूर्त

Renuka Sahu
24 Sep 2021 3:06 AM GMT
पितृ पक्ष में कर सकते हैं शॉपिंग, जानिए विशेष मुहूर्त
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फाइल फोटो 

पितृ पक्ष या श्राद्ध पक्ष को लेकर एक सबसे अहम बात कही जाती है कि इस दौरान कोई भी शुभ काम नहीं करना चाहिए.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पितृ पक्ष (Pitru Paksha) या श्राद्ध पक्ष (Shradh Paksha) को लेकर एक सबसे अहम बात कही जाती है कि इस दौरान कोई भी शुभ काम नहीं करना चाहिए. यहां तक कि 15 दिनों की इस अवधि में शॉपिंग (Shopping) करने की भी मनाही की गई है. ज्‍योतिषाचार्य मदन गुप्‍ता सपाटू के मुताबिक पितृ पक्ष में भी कुछ ऐसे विशेष मुहूर्त (Vishesh Muhurat) आते हैं, जब खरीददारी की जा सकती है. इस साल यह मुहूर्त 29 सितंबर को अष्टमी तिथि (Pitru Paksha Ashtami) पर बनेगा. इस दिन महालक्ष्मी व्रत (Mahalaxmi Vrat 2021) या जीवित्पुत्रिका व्रत भी रखा जाएगा.

पितृ पक्ष में शॉपिंग करने का मुहूर्त
28 सितंबर 2021 को सप्‍तमी तिथि शाम को 06:17 मिनट पर खत्‍म हो जाएगी और अष्‍टमी तिथि शुरू हो जाएगी. पितृ पक्ष की अष्‍टमी के दिन माएं अपनी संतान क लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं. इसे जीवित्पुत्रिका व्रत भी कहते हैं. इसके अलावा इस दिन श्री महालक्ष्‍मी व्रत और पूजा भी की जाती है. इस दिन (29 सितंबर) पितृपक्ष होने के बावजूद पूरे दिन सोना, गाड़ी, घर संबंधी खरीददारी और लग्‍जरी आयटम्ज खरीदे जा सकते हैं. इसके अलावा 26 सितंबर और 27 सितंबर को रवि योग, 27 सितंबर, 30 सितंबर और 6 अक्‍टूबर को सर्वार्थ सिद्धि योग और 1 अक्‍टूबर को गुरु पुष्‍य योग बन रहा है. इस तरह 27, 29 और 30 सितंबर, 1 और 6 अक्‍टूबर को शॉपिंग की जा सकती है.
...इसलिए नहीं करते शुभ कार्य
पितृ पक्ष में लोग अपने पूर्वजों को याद करने के साथ-साथ उनको धन्यवाद करते हैं और उनकी आत्‍मा की शांति के लिए श्राद्ध-तर्पण आदि करते हैं. ऐसे में यह 15 दिन केवल पितरों के लिए ही समर्पित होते हैं तो आपका ध्‍यान केवल उन्‍हें याद करने और दान-पुण्‍य आदि में ही होना चाहिए, ना कि किसी अन्‍य कार्य में. इस दौरान पितृ धरती पर आते हैं और हमें पूरे सम्‍मान से केवल उनको ही याद करते हुए अपना जीवन जीना चाहिए.
इसके अलावा यह भी मान्यता है कि श्राद्ध में खरीदी गई सभी चीजें पितरों को समर्पित होती हैं, जिनका उपयोग करना उचित नहीं होता है क्योंकि उनमें आत्माओं का अंश होता है. लोगों का ये भी मानना है कि अगर इस वक़्त कोई नई चीज़ ख़रीदी जायेगी, तो उससे हमारे पितरों को दुःख होगा और वो नाराज़ होंगे. ऐसा इसल‌िए भी है क्योंक‌ि प‌ितृपक्ष उत्सव का नहीं, बल्क‌ि यह उन लोगों के प्रति शोक व्यक्त करने का समय होता है जो अब हमारे बीच नहीं हैं.
शॉपिंग के पीछे की आधुनिक मान्यता
वहीं आधुनिक मान्‍यता है कि शास्त्रों में ऐसा कहीं भी नहीं लिखा है कि पितृ पक्ष में खरीददारी नहीं करनी चाहिए. चूंकि पितृ पक्ष गणेश चतुर्थी और नवरात्र के बीच आते हैं ऐसे में यह अशुभ कैसे हो सकते हैं? क्‍योंकि हिंदू धर्म में मान्यता है कि किसी भी शुभ काम का आरम्भ गणेश पूजन से होता है, जो पितृ पक्ष से पहले ही हो चुका होता है. इस लिहाज से पितृ पक्ष अशुभ नहीं होते.
वहीं धरती पर अपने परिजनों से मिलने आए पितृ देखते हैं कि उनके बच्‍चे खुश हैं और कोई चीज खरीद रहे हैं तो पितरों को खुशी होगी. इस तरह यदि आप अपनी खुशियों के साथ-साथ पितरों का भी ध्‍यान रखें और उनका सम्‍मान करें तो पितृ पक्ष में शॉपिंग की जा सकती है.


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