धर्म-अध्यात्म

Shattila Ekadashi 2025 : षटतिला एकादशी पर इन चीजों का दान करना होता है शुभ

Renuka Sahu
20 Jan 2025 7:14 AM GMT
Shattila Ekadashi 2025 : षटतिला एकादशी पर इन चीजों का दान करना होता है शुभ
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Shattila Ekadashi 2025 : हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह में दो बार एकादशी तिथि पड़ती है। एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में। साल में कुल 24 एकादशी पड़ती हैं। माघ माह के कृष्ण पक्ष में पड़नेवाली एकादशी को षटतिला एकादशी कहते हैं। षटतिला एकादशी व्रत करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। जितना पुण्य कन्यादान ,हजारों वर्षों की तपस्या और स्वर्ण दान के बाद मिलता है उससे कहीं ज्यादा फल एक मात्र षटतिला एकादशी का व्रत करने से प्राप्त होता है। इस साल षटतिला एकादशी व्रत 25 जनवरी को रखा जाएगा।
षटतिला एकादशी पर तिल का महत्व-
इस एकादशी को व्रत के साथ-साथ भगवान को तिल का भोग लगाना चाहिए। इस दिन तिल का दान करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। अपने प्रसाद में भी तिल की सामग्री का सेवन करना चाहिए। इस दिन चावल का त्याग करना चाहिए। षटतिला एकादशी के दिन व्रत रखकर घर पर हरिनाम संकीर्तन करना चाहिए। यही एक व्रत है, जो मनुष्य को मोक्ष के द्वार तक ले जाती है। एकादशी व्रत पारण अगले दिन किया जाता है। षटतिला एकादशी पर तिल के प्रयोग से जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और ग्रहों की स्थिति अनुकूल रहती है। षटतिला एकादशी व्रत रखते से परिवार की दरिद्रता दूर होती है।षटतिला एकादशी के दिन विधिवत भगवान विष्णु की काले तिलों से पूजा करने से व्यक्ति हर तरह के पापों से मुक्ति पा लेता है। इसके साथ ही रोग दोष और भय से मुक्ति मिलती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना व काले तिल के पानी से स्नान दान आदि करने का विशेष महत्व है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार षटतिला एकादशी पर काले तिल, काली गाय के दान करने से हजारों वर्षों की तपस्या का फल प्राप्त होता है।
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