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24 अक्टूबर के दिन धूमधाम से दिवाली महापर्व मनाया जाएगा। प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन इस पर्व को मनाया जाता है। यह पर्व न केवल भगवान श्री राम अयोध्या नगरी के आने के उपलक्ष में मनाया जाता है। बल्कि इस पर्व को अंधकार पर हुए प्रकाश के विजय का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन माता लक्ष्मी अपने भक्तों के घर वास करने आती हैं और उनकी मनोकामना सुनती हैं। मान्यता है कि इस माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करने से भक्तों के सभी दुःख-दर्द दूर हो जाते हैं। साथ ही उन्हें सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं किस तरह दिवाली के करना चाहिए माता लक्ष्मी का स्वागत।
मुख्य द्वार पर बनाएं स्वास्तिक चिन्ह
हिन्दू धर्म में स्वास्तिक चिन्ह को बहुत शुभ माना जाता है। इसलिए दिवाली के दिन मुख्य द्वार पर स्वास्तिक चिन्ह बनाने से भक्तों पर माता लक्ष्मी की विशेष कृपा बरसती है। साथ ही सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
नकली की जगह असली फूलों का करें इस्तेमाल
दिवाली पर्व पर सजावट बहुत महत्व रखता है। इसलिए घर को सजाते समय इस बात का ध्यान रखें कि आप नकली फूलों की जगह असली फूलों का इस्तेमाल करें। ऐसा करने से सकारात्मक उर्जा का संचार होता है। साथ ही वास्तु में भी इसे बहुत शुभ बताया जाता है।
मुख्य द्वार पर लगाने माता का पद चिन्ह
दिवाली के दिन माता रानी के स्वागत के लिए मुख्य द्वार पर माता रानी का पदचिन्ह जरूर लगाएं। इससे घर की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं और भक्तों पर माता रानी की कृपा सदैव बनी रहती है।
चांदी के सिक्के से करें ये उपाय
दीपावली के दिन संध्या पूजा का विशेष महत्व है। ऐसे में इस दिन चांदी का चौकोर सिक्का ले कर आएं और पूजा के समय उसे भगवान के चरणों में रख दें। अगली सुबह उस सिक्के को अपने पर्स या तिजोरी में रख दें। मान्यता है कि ऐसा करने से आर्थिक समस्याएं दूर हो जाती हैं।
घर के मुख्य द्वार पर लगाएं तोरण
दीपावली के दिन माता रानी के स्वागत के लिए घर के मुख्य द्वार पर तोरण जरूर लगाएं। ऐसा करने से के लिए आप आम या केले के पत्तों का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस तोरण में आप फूलों का भी इस्तेमाल करें। माना जाता है कि इससे सकारात्मक उर्जा का संचार होता है और व्यक्ति के जीवन में कई बदलाव आते हैं।