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- रक्षाबंधन पर इस तरह...
भाई-बहन के अटूट प्रेम का पर्व रक्षाबंधन इस साल 11 अगस्त को है। हर भाई-बहन को राखी के त्योहार का बेसब्री से इंतजार रहता है। निस्वार्थ प्रेम से भरा हुआ ये दिन भाई बहनों के लिए विशेष दिन होता है। यही वो त्योहार होता है, जो भाई-बहन को स्नेह की डोर में बांधता है, भाई बहन के प्यार को और मजबूत बनाता है। इस दिन बहनें भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं, उनकी लंबी आयु और सुखी जीवन की कामना करती हैं, तो वहीं भाई हमेशा बहन की रक्षा का वचन देता है। रक्षा बंधन के दिन बहन सुबह पूजा की थाली को सजाती हैं और भाई की आरती उतारती हैं। राखी की थाली को बहुत शुभ माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार यदि बहन राखी की थाल सही तरीके से सजाकर तब राखी बांधते है, तो उनके भाई की आयु दीर्घ होने के साथ-साथ माता लक्ष्मी का आशीर्वाद भी प्राप्त हो सकता है। ऐसे में आइए जानते हैं रक्षाबंधन पर आरती को किस तरह तैयार करना चाहिए और थाली में किन-किन चीजों को शामिल किया जाता है....
रक्षाबंधन पर इस तरह तैयार करें आरती की थाली
राखी
रक्षाबंधन पर आरती की थाली सजाते समय राखी रखना न भूलें। मान्यताओं के अनुसार भाई की कलाई में राखी बांधने से बुरी शक्तियां नष्ट होती हैं।
चंदन
हिंदू धर्म में चंदन बेहद पवित्र माना जाता है। प्रत्येक शुभ काम के लिए चंदन का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में रक्षाबंधन के दिन राखी की थाली को सजाते वक्त उसमें चंदन रखें। चंदन से तिलक करने से आपके भाई दीर्घायु हो सकते हैं और उन्हें कई तरह की ग्रहों से छुटकारा मिल सकता है।
अक्षत और दही
शास्त्रों के अनुसार, चावल का तिलक नकारात्मक शक्तियों को खत्म करता है। ऐसे में यदि आप राखी के दिन अपने भाई के माथे पर रोली, अक्षत के साथ दही मिलाकर तिलक करें। इससे उनका जीवन खुशियों से भर सकता है।
दीपक
आरती की थाली दीपक के बिना अधूरी मानी जाती है। हिंदू धर्म में शुभ अवसरों पर घर में दीपक जरूर जलाई जाती है। दीपक प्रकाश को फैलाता है। रक्षाबंधन के शुभ अवसर पर बहने अक्सर दीपक जलाकर भाई की आरती उतारती हैं। इस दिन थाल में दीपक जलाने से भाई बहन का प्रेम पूरी तरह पवित्र बना रह सकता है।
मिठाई
हर खुशी के अवसर पर मिठाई खाई और खिलाई जाती है। ऐसे में राखी के शुभ अवसर पर बहन की थाली में मिठाई न हो ऐसा हो ही नहीं सकता। मान्यताओं के अनुसार इस दिन भाई का मुंह मीठा कराने से रिश्ते में मिठास बनी रहती है।
इस विधि से बांधें राखी
राखी बांधते समय भाई का मुख पूरब दिशा में और बहन का पश्चिम दिशा में होना चाहिए। सबसे पहले बहनें अपने भाई को रोली, अक्षत का टीका लगाएं, आरती उतारें, उसके बाद मिष्ठान खिलाकर भाई की दाहिने कलाई पर राखी बांधें।