धर्म-अध्यात्म

रविवार को करें भगवान सूर्य की आरती

Khushboo Dhruw
1 Oct 2023 2:44 PM GMT
रविवार को करें भगवान सूर्य की आरती
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रविवार: सनातन धर्म में हफ्ते का हर दिन किसी न किसी देवी देवता की पूजा साधना को समर्पित होता हैं वही रविवार का दिन भगवान श्री सूर्यदेव की पूजा अर्चना के लिए श्रेष्ठ माना गया हैं इस दिन भक्त भगवान सूर्यदेव को प्रसन्न करने के लिए उनकी विधि विधान से पूजा करते हैं और दिनभर का व्रत उपवास भी रखते हैं।
माना जाता है कि सूर्य साधना से अच्छी सेहत और सुख समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है लेकिन इसी के साथ ही अगर हर रविवार के दिन सूर्य पूजा के समय भगवान की प्रिय आरती का पढ़ी जाए तो वे प्रसन्न हो जाते हैं और व्रत पूजा का दोगुना फल मिलता है तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं श्री सूर्यदेव की आरती।
श्री सूर्यदेव की आरती—
ऊँ जय सूर्य भगवान,
जय हो दिनकर भगवान ।
जगत् के नेत्र स्वरूपा,
तुम हो त्रिगुण स्वरूपा ।
धरत सब ही तव ध्यान,
ऊँ जय सूर्य भगवान ॥
॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥
सारथी अरूण हैं प्रभु तुम,
श्वेत कमलधारी ।
तुम चार भुजाधारी ॥
अश्व हैं सात तुम्हारे,
कोटी किरण पसारे ।
तुम हो देव महान ॥
॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥
ऊषाकाल में जब तुम,
उदयाचल आते ।
सब तब दर्शन पाते ॥
फैलाते उजियारा,
जागता तब जग सारा ।
करे सब तब गुणगान ॥
॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥
संध्या में भुवनेश्वर,
अस्ताचल जाते ।
गोधन तब घर आते॥
गोधुली बेला में,
हर घर हर आंगन में ।
हो तव महिमा गान ॥
॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥
देव दनुज नर नारी,
ऋषि मुनिवर भजते ।
आदित्य हृदय जपते ॥
स्त्रोत ये मंगलकारी,
इसकी है रचना न्यारी ।
दे नव जीवनदान ॥
॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥
तुम हो त्रिकाल रचियता,
तुम जग के आधार ।
महिमा तब अपरम्पार ॥
प्राणों का सिंचन करके,
भक्तों को अपने देते ।
बल बृद्धि और ज्ञान ॥
॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥
भूचर जल चर खेचर,
सब के हो प्राण तुम्हीं ।
सब जीवों के प्राण तुम्हीं ॥
वेद पुराण बखाने,
धर्म सभी तुम्हें माने ।
तुम ही सर्व शक्तिमान ॥
॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥
पूजन करती दिशाएं,
पूजे दश दिक्पाल ।
तुम भुवनों के प्रतिपाल ॥
ऋतुएं तुम्हारी दासी,
तुम शाश्वत अविनाशी ।
शुभकारी अंशुमान ॥
॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥
ऊँ जय सूर्य भगवान,
जय हो दिनकर भगवान ।
जगत के नेत्र रूवरूपा,
तुम हो त्रिगुण स्वरूपा ॥
धरत सब ही तव ध्यान,
ऊँ जय सूर्य भगवान ॥
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