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Palmistry: प्रकृति के गोपनीय संकेत हाथ की टेढ़ी-मेढ़ी रेखाओं में अंकित हैं। बस इन रेखाओं को पढ़कर समझने वाला जानकार चाहिए। जीवन शुभ और अशुभ कर्मों का सम्मिश्रण है। जीवन में मिलने वाले खुशी के पलों को बढ़ाकर तथा दुःख के पलों को कमकर मानव अनादिकाल से जीवन जीता आ रहा है। हस्तरेखा के माध्यम से भाग्य को जानकर उसके अनुसार अनुसरण कर जीवन को सुखमय बनाया जा सकता है। मस्तिष्क के आदेश एवं निर्देशों का पालन हाथ करता है। शरीर की हर प्रक्रिया को मस्तिष्क सम्भालता है।
डॉक्टर भी 'Physical death' से अधिक महत्व क्लीनिकल डेथ मस्तिष्क की मृत्यु को देते हैं। मस्तिष्क और हाथ का परस्पर गहरा संबंध है। प्रारब्ध] कर्म के साथ-साथ मस्तिष्क भी रेखाएं घटाने और बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान करता है। हाथ की रेखाओं में मस्तिष्क रेखा को महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। क्योंकि मस्तिष्क रेखा हथेली को दो भागों में विभाजित करती है और व्यक्ति की क्षमताओं की जांच मस्तिष्क रेखा देखकर की जाती है। मस्तिष्क रेखा व्यक्ति के स्वभाव और कार्य प्रणाली के विषय में जानकारी देती है और मानव चरित्र को जानने के लिए मस्तिष्क रेखा का अध्ययन विशेष सहायता प्रदान करता है।
-जिस व्यक्ति के हाथ में मस्तिष्क रेखा प्रारम्भ में जीवन रेखा से जुड़ी होती है। ऐसा व्यक्ति अत्यन्त ही संवेदनशील होता है।
-मस्तिष्क रेखा जब आरम्भ से अन्त तक थोड़ा झुकाव लिए सुन्दर तथा स्पष्ट हो तो व्यक्ति बुद्धिमान तथा समझदार होता है।
-जब मस्तिष्क रेखा बीच में टूट जाए तो जिस जगह वह टूटी है। उस जगह की गणना करने से जो आयु आए। उस उम्र में उस व्यक्ति को दुर्घटना का सामना करना पड़ता है तथा जन्मकुण्डली में अशुभ ग्रह की महादशा चल रही हो तो ऐसे समय में व्यक्ति की स्मरण शक्ति भी प्रभावित होती है।
-सबसे अच्छी मस्तिष्क रेखा वह होती है जो जीवन रेखा से बहुत अधिक फासले पर न हो। इस प्रकार की रेखा वाला बहुत कुशाग्र बुद्धि का होता है।
-अगर मस्तिष्क रेखा तथा हृदय रेखा दोनों ही एक दूसरे के समानान्तर हथेली के आर-पार गईं हों तो जातक उपर से शान्त दिखलाई देने वाला होता है। ऐसे जातक गुप्त विद्याओं तथा संसार से विरक्त भी पाए जाते हैं।
-मस्तिष्क रेखा में से निकलकर उपर की ओर जाने वाली छोटी-छोटी रेखाएं इस बात की सूचक हैं कि उस व्यक्ति के मस्तिष्क में रचनात्मक विचार तो उठते हैं पर वह उनसे लाभ नहीं उठा पाता।
-दोहरी मस्तिष्क रेखा बहुत की कम हाथों में देखने में आती है। अगर हाथ में स्पष्ट रूप से दो मस्तिष्क रेखाएं दिखाई दें तो जातक की मानसिकता दो धाराओं में विभाजित हो जाती है।
-दाहिने हाथ की मस्तिष्क रेखा बाएं हाथ की अपेक्षा हल्की और निर्बल हो तो समझना चाहिए कि जातक ने अपने Mental विकास के अवसरों से पूरा लाभ नहीं उठाया है।
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