- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- धर्म-अध्यात्म
- /
- माघ मास की पूर्णिमा पर...
x
5 फरवरी को माघ मास की पूर्णिमा रहेगी। इस दिन विशेष उपाय करने से घर में सुख, समृद्धि और धन धान्य बना रहता है। आओ जानते हैं कि माघी पूर्णिमा पर कौन से विशेष उपाय करें कि लाभ प्राप्त हो।
1. सत्यनारायण भगवान की कथा सुनें, 2. सफेद चीजों का दान करें, 3. पवित्र नदी में स्नान करें, 4. श्री हरि विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें, 5. सूर्यदेव को अर्घ्य दें, 6. चंद्रमा की पूजा करें, 7. पितृ तर्पण करें, 8. पीपल पूजा करें, 9. दीपदान दें, 10. श्रीसूक्त का पाठ करें।
1. दान : इस दिन दान-दक्षिणा का बत्तीस गुना फल मिलता है। इसलिए इसे माघी पूर्णिमा के अलावा बत्तिसी पूर्णिमा भी कहते हैं। दान में तिल और काले तिल विशेष रूप से दान में देना चाहिए। पूजा या व्रत के बाद बाद मध्याह्न काल में किसी गरीब व्यक्ति को भोजन कराकर दान-दक्षिणा दें।
2. स्नान : प्रयाग में माघ मास के अन्दर तीन बार स्नान करने से जो फल होता है वह फल पृथ्वी में दस हजार अश्वमेघ यज्ञ करने से भी प्राप्त नहीं होता है। ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। नदी नहीं है तो पानी में थोड़ा गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
3. कल्पवास : माघ माह में गंगा के किनारे कल्पवास करने से सभी पापों का नाश होकर मोक्ष की प्राप्ति होती है। क्योंकि ब्रह्मा, विष्णु, महादेव, रुद्र, आदित्य तथा मरूद्गण माघ मास में प्रयागराज के लिए यमुना के संगम पर गमन करते हैं।
4. माधव पूजा : माघ स्नान करने वाले श्रद्धालुओं पर भगवान माधव की कृपा बनी रही है और उन्हें सुख-सौभाग्य, धन-संतान और मोक्ष प्रदान करते हैं।
5. तर्पण : इस दिन को पितरों के पिंडदान और तर्पण के लिए शुभ माना जाता है। तर्पण करने से पितरों को मुक्ति मिलती है और वे प्रसन्न होते हैं। माघ माह में काले तिल से हवन और काले तिल से पितरों का तर्पण करना चाहिए।
6. सूर्य को अर्घ्य देना : स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करें। अर्घ्य अर्पित करते वक्त उनका मंत्र बोलें।
7. श्री हरि विष्णु एवं लक्ष्मी की पूजा : माधव पूजा के साथ ही श्री हरि विष्णु जी की माता लक्ष्मी के साथ पूजा करें। भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का दूध और गंगाजल से अभिषेक करना चाहिए। उनकी षोडशोपचार नहीं तो दशोपचार या नहीं तो पंचोपचार पूजा करें। पंचोपचार यानी पांच प्रकार की सामग्री से उनकी पूजा करें। गंध, पुष्प, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करने के बाद आरती उतारें।
8. कनकधारा स्त्रोत का पाठ : कनकधारा स्त्रोत का पाठ करना चाहिए. ऐसा करने से मां लक्ष्मी का कृपा हमेशा जातक पर रहती है.
9. पीपल पूजा : इस दिन पीपल के पेड़ की जड़ में दूध मिश्रित जल चढ़ाएं और घी का दीपक प्रज्वलित करें। ऐसा करने से श्री हरि विष्णु जी के साथ ही पितृरों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।
10. काली पूजा : पूर्णिमा के दिन माता कालिका की पूजा करने से संतान सुख मिलता है। माता कालिका सभी तरह की मनोकामना पूर्ण करती है।
Next Story