धर्म-अध्यात्म

अपने दायित्वों को संभालना सीखें...!

HARRY
27 May 2023 6:46 PM GMT
अपने दायित्वों को संभालना सीखें...!
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मैं उन्हें लगभग 30 लाख रुपए अधिक दिलवाने में सफल रहा था।

इस बात ने मुझे कुछ साल पहले परेशान किया था: वे पड़ोस में रहने वाले एक बुजुर्ग दम्पति थे, जो अपनी जमीन बेचने की कोशिश में मेरे पास आए थे और कुछ साल पहले ऐसा ही करने के थोड़े से अनुभव के साथ, मैं उन्हें लगभग 30 लाख रुपए अधिक दिलवाने में सफल रहा था। यह वास्तव में एक बहुत बड़ी राशि थी और कई दिनों तक, कुछ सप्ताहों और लगभग एक महीने तक, मैंने केवल उनका आभारी धन्यवाद ही सुना। और फिर उन्हें उस धन से एक घर खरीदना था और वे मेरे पास वापस आ गए। ‘‘कृपया,’’ मैंने कहा, ‘‘मैं आज थक गया हूं, क्या आप इसे किसी और दिन कर सकते हैं?’’‘‘हमें आज इसे अंतिम रूप देना है!’’ उन्होंने कहा। ‘‘मुझे नहीं लगता कि मैं आपको बातचीत करने में मदद करने के लिए सही दिमागी अवस्था में हूं,’’ मैंने कहा, ‘‘कृपया समझें!’’ मगर वे समझे नहीं।

मुझे नहीं पता कि उन्होंने फ्लैट फाइनल किया या नहीं, लेकिन अचानक मैं जनता का दुश्मन नंबर एक बन गया। इसके बाद लगातार हमलों की झड़ी लग गई। इसने मुझे हैरान कर दिया, जब तक मुझे एहसास नहीं हो गया कि इसका पिछली बार उनकी मदद करने से इंकार करने से कोई लेना-देना नहीं था, बल्कि यह सिर्फ इसलिए था क्योंकि वे एक दायित्व को नहीं निभा सकते थे।

मुझे यकीन है कि हम में से कई एक ही नाव में सवार रहे हैं। कोई हमारी मदद करता है, हम शुरूआत में आभारी महसूस करते हैं, हमें बहुत राहत मिलती है कि एक बोझ हटा दिया गया है, धन्यवाद का भाव आता है और फिर हम चिढऩे लगते हैं। हम उस सहायता को गहराई से देखते हैं, जो हमारे रास्ते में आई और सोचने लगते हैं कि यह कोई बड़ी बात नहीं थी। ‘‘मुझे यकीन है कि मैं अभी या बाद में एक समाधान के बारे में सोच लेता!’’ हम खुद से कहते हैं, ‘‘मुझे क्यों आभारी महसूस करना चाहिए?’’कभी-कभी हम व्यक्ति को कोई उपहार देकर इससे बाहर निकलने का प्रयास करते हैं। उस उपहार से हमें लगता है कि हमारा दायित्व समाप्त हो गया है। ‘‘मैंने उसे एक उपहार दिया, तो अब हम बराबर हैं!’’

आइए इस मुद्दे को सीधे संभालें : सबसे पहले, किसी के प्रति कृतज्ञ महसूस करने में कुछ भी गलत नहीं है। अक्सर वह दूसरा व्यक्ति काफी खुश होता है कि उसने आपके लिए कुछ किया है, और बदले में कुछ भी उम्मीद नहीं करता, जिसका मतलब यह नहीं कि आप अच्छे काम को कभी नहीं भूलते हैं। इसका मतलब है कि यह बोझ होने के बजाय आनंद का विषय बन सकता है।

ऐसे कई लोग हैं जिनके लिए मैं आभारी हूं कि उन्होंने मेरे जीवन में बहुत कुछ किया और यह मुझे बहुत खुशी देता है कि मैं उन्हें कई अलग-अलग तरीकों से स्वीकार करता हूं और उन्हें धन्यवाद देता हूं। जब आप ऐसा करते हैं तो सकारात्मक कारकों में से एक यह होता है कि वह व्यक्ति दूसरों के लिए मददगार बना रहता है, जबकि जब आप उसके प्रति नकारात्मक प्रतिक्रिया करते हैं, तो आप अच्छाई के प्रवाह को रोक सकते हैं।

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