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धर्म-अध्यात्म
विष्णु के दूसरे अवतार फेंगशुई कछुए को घर में रखने के क्यों होता हैं लाभ, जानिए
Apurva Srivastav
19 Jan 2022 4:53 PM GMT
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सनातन धर्म में कछुए का विशेष महत्व है। भगवान श्रीहरि विष्णु की दसावतार में एक अवतार कछुआ है। शास्त्रों की मानें तो भगवान श्रीहरि विष्णु का दूसरा अवतार कच्छप है।
सनातन धर्म में कछुए का विशेष महत्व है। भगवान श्रीहरि विष्णु की दसावतार में एक अवतार कछुआ है। शास्त्रों की मानें तो भगवान श्रीहरि विष्णु का दूसरा अवतार कच्छप है। इस अवतार में भगवान श्रीहरि विष्णु ने समुद्र मंथन के समय मंदार पर्वत और वासुकि नाग की सहायता की। इस दौरान मंदार को पर्वत विष्णु जी ने कच्छप के कवच पर धारण किया था। इसके लिए भगवान श्रीहरि विष्णु के दूसरे अवतार की पूजा-उपासना की जाती है। साथ ही लोग अपने घरों पर कछुआ रखते हैं। वेदज्ञाताओं की मानें तो घर पर कछुआ रखना बेहद शुभ होता है। इससे घर में सुख और समृद्धि का आगमन होता है। साथ ही नकारात्मक शक्ति घर से दूर होती है। फेंगशुई में भी कछुए को घर में रखने के लाभ बताए गए हैं। आइए जानते हैं-
- जानकारों की मानें तो घर में कछुआ रखने से सुख, समृद्धि और शांति का आगमन होता है। इससे घर की सभी समस्या का अंत होता है। घर पर हमेशा कांच, चांदी या लकड़ी के कछुए ही रखें।
- वास्तु की मानें तो कछुए को हमेशा उत्तर दिशा में रखना चाहिए। इससे घर में धन लाभ होता है। साथ ही विरोधियों का दमन होता है। अगर आप किसी परेशानी से गुजर रहे हैं, तो घर पर कछुआ जरूर स्थापित करें।
- अगर लंबे समय से घर में कोई बीमार है, तो घर के दक्षिण-पूर्व दिशा में कछुए की तस्वीर लगाएं। घर में कछुए की तस्वीर लगाने से परिवार में व्याप्त कलह समाप्त हो जाती है।
- अगर आप रोजगार या कारोबार में तरक्की या उन्नति पाना चाहते हैं, तो ऑफिस या दूकान में कछुए की तस्वीर जरूर लगाएं। एक चीज का अवश्य ध्यान रखें कि कछुआ हमेशा दक्षिण पूर्व दिशा में ही लगाएं। इससे सभी बिगड़े काम बनने लगते हैं। आप चाहे तो घर के मुख्य द्वार पर भी कछुए की तस्वीर लगा सकते हैं।
डिसक्लेमर
'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'
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