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धर्म-अध्यात्म
जानिए क्यों खाने की थाली में एक साथ तीन रोटियां रखना माना जाता है अशुभ
Apurva Srivastav
27 March 2021 8:45 AM GMT
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हिंदू धर्म में तीन प्रमुख देवता ब्रह्मा, विष्णु और महेश माने गए हैं, जिन्हें त्रिदेव कहा जाता है
हिंदू धर्म में तीन प्रमुख देवता ब्रह्मा, विष्णु और महेश माने गए हैं, जिन्हें त्रिदेव कहा जाता है. इन्हें ही सृष्टि का सृजन करने वाला, पालनहार और संहारक बताया गया है. इस लिहाज से देखा जाए तो तीन का अंक काफी शुभ होना चाहिए. लेकिन पूजा-पाठ में, तमाम रीति रिवाजों में तीन के अंक को अशुभ माना जाता है. यहां तक कि खाने की थाली में भी एक साथ तीन रोटियां नहीं रखी जातीं.
अगर कोई ऐसा करे भी तो घर के बड़े बुजुर्ग इसके लिए मना कर देते हैं. किसी रेस्त्रां में भी आपने कभी एक साथ तीन रोटियां आते नहीं देखी होंगी. इनकी संख्या एक, दो, चार या इससे ज्यादा हो सकती है. ऐसे में ये सवाल उठना लाजमी है कि आखिर तीन को इतना अशुभ क्यों समझा जाता है. यहां जानिए इसके बारे में.
मृतक के भोजन के समान मानी जाती हैं तीन रोटियां
हिंदू धर्म में तीन रोटियां रखी हुई थाली को मृतक के भोजन के समान माना जाता है क्योंकि किसी की मृत्यु के बाद उसके त्रयोदशी संस्कार से पहले भोजन की जो थाली निकाली जाती है, उसमें तीन रोटियां एक साथ रखने का चलन है. ये थाली मृतक के लिए समर्पित होती है और इस थाली को परोसने वाले के अलावा और कोई नहीं देखता. यही वजह है कि घर के बड़े बुजुर्ग थाली में तीन रोटियां एक साथ रखने से रोकते हैं. इसके अलावा ये भी मान्यता है कि एक साथ तीन रोटियां रखकर भोजन करने वाले के मन में दूसरों के प्रति शत्रुता का भाव पनपता है.
वैज्ञानिक वजह भी जानें
अगर इसके वैज्ञानिक वजह की बात करें तो ज्यादातर स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि सामान्य व्यक्ति को दिन भर में थोड़ा-थोड़ा करके खाना चाहिए. ऐसे में एक समय में भोजन की थाली में एक कटोरी दाल, एक कटोरी सब्जी, 50 ग्राम चावल और दो रोटियां उसकी जरूरत के लिए पर्याप्त हैं. इसे संतुलित डाइट माना गया है क्योंकि दो रोटियों से ही व्यक्ति को 1200 से 1400 कैलोरी ऊर्जा मिल जाती हैं. एक समय में इससे ज्यादा भोजन करना व्यक्ति को स्वास्थ्य संबन्धी कई तरह की परेशानियां दे सकता है.
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