धर्म-अध्यात्म

जानिए क्यों भूल गए थे हनुमानजी अपनी शक्ति, इसने दिलाई थी याद

Apurva Srivastav
25 April 2021 10:20 AM GMT
जानिए क्यों भूल गए थे हनुमानजी अपनी शक्ति, इसने दिलाई थी याद
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हनुमानजी को कई देवताओं ने विभिन्न प्रकार के वरदान और अस्त्र-शस्त्र दिए थे।

श्री सीता हरण के बाद हनुमानजी और श्रीराम का मिलन हुआ और हनुमानजी ने श्रीराम को सुग्रीव, जामवंत आदि वानरयूथों से मिलाया। फिर जब लंका जाने के लिए रामसेतु बनाया गया तो श्रीराम ने हनुमानजी को लंका जाने का आदेश दिया, परंतु हनुमानजी ने लंका जाने में अपनी असमर्थता जताई तब जामवंतजी ने हनुमानजी को उनकी शक्तियों की याद दिलाई। परंतु सवाल यह है कि हनुमानजी अपनी शक्ति क्यों भूल गए थे?

दरअसल, हनुमानजी को कई देवताओं ने विभिन्न प्रकार के वरदान और अस्त्र-शस्त्र दिए थे। इन वरदानों और अस्त्र-शस्त्र के कारण बचपन में हनुमानजी उधम मचाने लगे थे। खासकर वे ऋषियों के बगीचे में घुसकर फल, फूल खाते थे और ब‍गीचा उजाड़ देते थे। वे तपस्यारत मुनियों को तंग करते थे। उनकी शरारतें बढ़ती गई तो मुनियों ने उनकी शिकायत उनके पिता केसरी से की। माता-पिता में खूब समझाया कि बेटा ऐसा नहीं करते, परंतु हनुमानजी शरारत करने से नहीं रुके तो एक दिन अंगिरा और भृगुवंश के ऋषियों ने कुपित होकर उन्हें श्राप दे दिया कि वे अपने शक्तियों और बल को भूल जाएंगे परंतु उचित समय पर उन्हें उनकी शक्तियों को कोई याद दिलाएगा तो याद आ जाएगी।
फिर जब हनुमानजी को श्रीराम का कार्य करना था तो जामवंत जी का हनुमानजी के साथ लंबा संवाद होता है। इस संवाद में वे हनुमानजी के गुणों का बखान करते हैं और तब हनुमानजी को अपनी शक्तियों का आभास होने लगता है। अपनी शक्तियों का आभास होते ही हनुमानजी विराट रूप धारण करते हैं और समुद्र को पार करने के लिए उड़ जाते हैं।


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