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- जानें आज का सहरी और...
रमजान का दूसरा अशरा शुरू हो चुका है। 17 अप्रैल,रविवार को रमजान का 15वां दिन है। रमजान के महीने में रोजे (व्रत) रखने, रात में तरावीह की नमाज पढ़ना और कुरान तिलावत करना शामिल है। मुस्लिम समुदाय के लोग पूरे महीने रोजा रखते हैं और सूरज निकलने से लेकर डूबने तक कुछ नहीं खाते पीते हैं। साथ में महीने भर इबादत करते हैं और अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं। रमजान के दौरान रोजा इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है। इस पूरे महीने में मुस्लिम संप्रदाय से जुड़े लोग अल्लाह की इबादत करते हैं। इस महीने में वे खुदा को खुश करने और उनकी कृपादृष्टि पाने के लिए नमाज़, रोजा के साथ, कुरान का पाठ और दान धर्म करते हैं।
सहरी: इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार, रमजान माह में सूर्य उगने से पहले खाना खाया जाता है। इसे सहरी नाम से जाना जाता है। सहरी करने का समय पहले से ही निर्धारित कर दिया जाता है। सहरी करने को सुन्नत कहा जाता है।
इफ्तार: दिनभर बिना खाए-पिए रोजा रहने के बाद शाम को नमाज पढ़ने के बाद खजूर खाकर रोजा खोला जाता है। यह शाम को सूरज ढलने पर मगरिब की अजान होने पर खोला जाता है। इसी को इफ्तार नाम से जाना जाता है।
पांच वक्त की नमाज: रमजान में मुसलमान समुदाय के लोग पांच समय की नमाज़ पढ़ते हैं। सुबह की नमाज जिसे फज्र, दोपहर की नमाज जिसे ज़ुहर (दुहर), शाम से पहले की नमाज जिसे असर, शाम के वक्त की नमाज जिसे मगरिब और शाम के बाद रात में पढ़ी जाने वाली नमाज जिसे इशा कहते हैं। ये पांचों वक्त का नमाज इस्लाम में बेहद महत्वपूर्ण है।